अदाणी समूह को एक और झटका, यूपी में प्रीपेड मीटर लगाने का टेंडर रद्द, अनुमानित लागत से 65 फीसदी अधिक थी दर
अदाणी समूह को एक और झटका, यूपी में प्रीपेड मीटर लगाने का टेंडर रद्द, अनुमानित लागत से 65 फीसदी अधिक थी दर
प्रदेश में करीब 2.5 करोड़ प्रीपेट स्मार्ट मीटर लगने हैं। इनके लिए 25 हजार करोड़ के टेंडर हुए हैं। जिसमें मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने कंपनी का स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का टेंडर निरस्त कर दिया है।

अदाणी समूह को हिंडनबर्ग रिपोर्ट से लगे वैश्विक झटकों के बीच उत्तर प्रदेश में भी जोरदार झटका लगा है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने कंपनी का स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का टेंडर निरस्त कर दिया है। इसकी लागत लगभग 5400 करोड़ है। इस टेंडर की दर अनुमानित लागत से करीब 48 से 65 प्रतिशत अधिक थी, जिसकी वजह से इसका शुरू से ही विरोध हो रहा था। अब पश्चिमांचल, पूर्वांचल, दक्षिणांचल और डिस्कॉम के टेंडर पर भी नजरें टिकी हुई हैं। दक्षिणांचल में भी अडानी समूह का टेंडर है।

प्रदेश में करीब 2.5 करोड़ प्रीपेट स्मार्ट मीटर लगने हैं। इनके लिए 25 हजार करोड़ के टेंडर हुए हैं। इसमें मैसर्स अदाणी पावर ट्रांसमिशन के अलावा जीएमआर व इनटेली स्मार्ट कंपनी ने टेंडर का पार्ट दो हासिल किया था। इन्हें कार्य करने का आदेश जारी होने वाला था, लेकिन इनके टेंडर की दर को लेकर विरोध होने लगा। टेंडर के प्रस्ताव के मुताबिक, हर मीटर की कीमत करीब नौ से 10 हजार रुपया पड़ रही थी। जबकि अनुमानित लागत छह हजार रुपये प्रति मीटर है। इस मामले में यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने प्रति मीटर अधिक मूल्य होने के मामले में ऊर्जा मंत्रालय से सलाह ली, लेकिन वहां से फैसला कॉरपोरेशन पर ही छोड़ दिया गया।

 

इस बीच उपभोक्ता परिषद ने महंगा मीटर लगाकर उपभोक्ताओं पर भार डालने का आरोप लगाया और मामले में मुख्यमंत्री से शिकायत की। परिषद ने नियामक आयोग में याचिका भी दायर कर दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के अधीक्षण अभियंता (वित्त) अशोक कुमार ने अदाणी समूह का टेंडर निरस्त कर दिया है। अब अन्य वितरण निगम और डिस्कॉम पर निगाह लगी हुई है। अधीक्षण अभियंता ने बताया कि तकनीकी कारणों से टेंडर निरस्त किया गया है। इसका विस्तृत विवरण दस्तावेज देखने के बाद बता पाएंगे।

 

उपभोक्ताओं पर भार नहीं पड़ने देगा परिषद: अवधेश

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने मध्यांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा टेंडर निरस्त करने को जायज ठहराया है। परिषद ने पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन से महंगे टेंडर के जरिए उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार नहीं डालने की अपील की है। सुनवाई नहीं होने पर नियामक आयोग में याचिका दाखिल करने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी अपील की। मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ने दिया।

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