यूपी में बिजली दर की बढ़ोतरी पर लग सकती है रोक, प्रस्ताव हो सकता है खारिज
यूपी में बिजली दर की बढ़ोतरी पर लग सकती है रोक, प्रस्ताव हो सकता है खारिज
विद्युत उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में याचिका दाखिल कर बताया कि बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं के 25,133 करोड़ रुपये बकाया हैं।

उत्तर प्रदेश में बिजली दर की बढ़ोतरी पर रोक लगने की संभावना है। बिजली कंपनियों की ओर से बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव खारिज भी हो सकता है। ऐसे में उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। फिलहाल पॉवर कारपोरेशन ने विद्युत नियामक आयोग में अपना जवाब दाखिल कर दिया है।

प्रदेश के निगमों की ओर से बीते दिनों बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। इस पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। इसी बीच विद्युत उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में याचिका लगाई है। इसमें बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं के निकल रहे 25,133 करोड़ के एवज में अगले पांच वर्षों तक बिजली दरों में सात फीसदी कमी की मांग की गई है।

 

इस पर आयोग ने पॉवर कारपोरेशन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। कारपोरेशन के निदेशक वाणिज्य ने सोमवार को जवाब दाखिल किया है। सूत्रों का कहना है कि वह अपने जवाब में दर बढ़ाने का कोई भी वाजिब कारण नहीं बता पाए हैं।

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि किसी भी कीमत पर बढ़ोतरी नहीं होने दी जाएगी।

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