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भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में 2,000 रुपये के नोटों को धीरे-धीरे बंद करने की मांग की है। उन्होंने यह मांग रखते हुए कहा कि ऐसे बैंकनोट रखने वाले नागरिकों को अपने पास रखे उच्चतम मूल्यवर्ग के नोटों को बदलने के लिए दो साल का समय दिया जाना चाहिए।
मोदी ने कहा, "देश के अधिकांश एटीएम से 2,000 रुपये के नोट गायब हो गए हैं और ऐसी अफवाहें हैं कि वे जल्द ही कानूनी निविदा नहीं रहेंगे। सरकार को इस पर स्पष्टीकरण जारी किया जाना चाहिए। आरबीआई ने 3 साल पहले 2,000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी थी।"
नवंबर 2016 में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा के बाद 2,000 रुपये का नोट पेश किया गया था। उस समय तत्काल प्रभाव से चलन में मौजूद 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को अमान्य घोषित कर दिया गया था। सुशील मोदी ने उच्च सदन में अपने भाषण में आरोप लगाया कि 2,000 रुपये के नोट प्रीमियम पर बेचे जा रहे हैं और उनकी जमाखोरी की जा रही है।
सुशील मोदी ने कहा, "2,000 रुपये के नोटों का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, ड्रग तस्करी में किया जा रहा है। देश में सबसे अधिक मूल्यवर्ग का नोट काले धन का पर्याय बन गया है। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि धीरे-धीरे 2,000 रुपये के नोट को समाप्त किया जाए। आम नागरिकों को 2,000 रुपये के नोट बदलने के लिए दो साल का समय दिया जाना चाहिए।
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