सहकारी बैंकों के प्रति रवैया बदले केंद्र, पवार बोले- 90 फीसदी धांधलियां राष्ट्रीय बैंकों में
सहकारी बैंकों के प्रति रवैया बदले केंद्र, पवार बोले- 90 फीसदी धांधलियां राष्ट्रीय बैंकों में
विश्वेश्वर सहकारी बैंक लि. के स्वर्ण जयंती समारोह के समापन अवसर पर पवार ने कहा कि 90 फीसदी से ज्यादा धांधलियां राष्ट्रीयकृत व अधिसूचित बैंकों में होती हैं, जबकि सहकारी बैंकों में इसका प्रतिशत 0.46 है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह सहकारी बैंकों के प्रति अपना नजरिया बदले। महाराष्ट्र के सहकारी आंदोलन को मुकाम पर पहुंचाने वाले शरद पवार ने कहा कि ये संस्थाएं आम लोगों की सेवा करती हैं। यह धारणा गलत है कि सहकारी बैंकों में बड़े पैमाने पर धांधलियां होती हैं। 

पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री पवर ने यह बात गुरुवार को पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में कही। यह कार्यक्रम विश्वेश्वर सहकारी बैंक लि. के स्वर्ण जयंती समारोह के समापन अवसर पर आयोजित किया गया था। पवार ने कहा कि 90 फीसदी से ज्यादा धांधलियां राष्ट्रीयकृत व अधिसूचित बैंकों में होती हैं, जबकि सहकारी बैंकों में इसका प्रतिशत 0.46 है। 

 

सहकारी बैंकों के प्रति केंद्र के रवैये से चिंता

पवार ने कहा, 'मैं चिंतित हो जाता हूं जब देखता हूं कि सहकारी बैंक क्षेत्र को किस तरह से देखा जा रहा है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीयकृत बैंकों में भारी निवेश किया है। ऐसा करना ही था, क्योंकि अगर पैसा नहीं डाला जाता तो इन बैंकों की हालत खराब हो जाती।' उन्होंने कहा कि यह गलत धारणा है कि सहकारी क्षेत्र में अनियमितताओं में लिप्त हैं। सहकारिता क्षेत्र में धांधलियां होती हैं, लेकिन अगर आप इनका समग्र प्रतिशत देखें, तो महसूस करेंगे कि यह बहुत कम है। यह एक फीसदी भी नहीं है। 

 

आम लोगों की सेवा करती हैं सहकारी बैंकें

उन्होंने कहा कि सहकारी बैंक आम लोगों के हितों की रक्षा करते हैं। इसलिए केंद्र सरकार को इन बैंकों के प्रति नजरिया बदलना चाहिए। यदि ये बैंक किसी तरह के संकट का सामना करती हैं, तो हमें इन बैंकों के साथ खड़ा होना चाहिए। 

 

सहकारी बैंकों में महाराष्ट्र अग्रणी

पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार ने कहा कि महाराष्ट्र सहकारी बैंकों के मामलों में अग्रणी है। इसके बाद गुजरात और कर्नाटक का स्थान है। देश में सहकारी आंदोलन में महाराष्ट्र एक अद्वितीय स्थान रखता है।राकांपा प्रमुख ने इससे पूर्व बैंकिंग विनियमन अधिनियम में संशोधन का विरोध किया था। इस संशोधन के जरिए रिजर्व बैंक को सहकारी बैंकों को विनियमित करने की अनुमति दी गई थी।

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