नहीं रहे हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन एसपी हिंदुजा; लंदन में ली आखिरी सांस
नहीं रहे हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन एसपी हिंदुजा; लंदन में ली आखिरी सांस
दिग्गज कारोबारी और हिंदुजा भाइयों में सबसे बड़े एसपी हिंदुजा का बुधवार को निधन हो गया।

दिग्गज कारोबारी और हिंदुजा भाइयों में सबसे बड़े एसपी हिंदुजा का बुधवार को निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे। परिवार के प्रवक्ता ने इसके बारे में जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि हिंदुजा समूह के अध्यक्ष एसपी हिंदुजा ने लंदन में आखिरी सांस ली। वे बीते काफी समय से बीमार चल रहे थे। एसपी हिंदुजा चार हिंदुजा भाइयों में सबसे बड़े थे। इसी साल फरवरी माह में उनकी पत्नी मधु हिंदुजा का निधन हो गया था।

परिवार के प्रवक्ता द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि 'गोपीचंद, प्रकाश, अशोक और पूरे हिंदुजा परिवार को आज हमारे परिवार के संरक्षक और हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन एसपी हिंदुजा के निधन की घोषणा करते हुए भारी दुख हो रहा है। वह परिवार के मेंटर थे। उन्होंने अपने मेजबान देश यूके और अपने देश भारत के बीच मजबूत संबंध बनाने में अपने भाइयों के साथ बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।'  वे डिमेंशिया से पीड़ित थे। 


पाकिस्तान में हुआ था जन्म

श्रीचंद पी हिंदुजा को एसपी नाम से भी जाना जाता था। वह हिंदुजा समूह के फाउंडर पीडी हिंदुजा के सबसे बेटे थे। उनका जन्म कराची (पाकिस्तान) में साल 1935 में हुआ था। 1952 में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद वे 18 साल की उम्र से ही अपने पिता के कारोबार के साथ जुड़ गए। बाद में उन्होंने ब्रिटेन की नागरिकता ले ली और वहीं लंदन में ही रहने लगे। उनकी शादी मधु हिंदुजा से हुई थी, जिनकी हाल ही में मौत हुई थी। उनकी दो बेटियां शानू और वीनू हैं।  उनके तीन भाई जीपी हिंदुजा, प्रकाश हिंदुजा और अशोक हिंदुजा हैं। 


हिंदुजा परिवार के पास 14 बिलियन डॉलर की संपत्ति

बता दें कि देश में ट्रक बनाने के कारोबार के अलावा हिंदुजा समूह बैंकिंग, केमिकल्स, पावर, मीडिया और स्वास्थ्य क्षेत्र से भी जुड़ा है। इस समूह की कंपनियों में ऑटो कंपनी अशोक लीलैंड और इंडसइंड जैसे बड़े ब्रांड शामिल हैं।  ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, हिंदुआ परिवार के चार भाइयों के पास लगभग 14 बिलियन डॉलर की सामूहिक संपत्ति है। 


बोफोर्स घोटाले में उछला था नाम

अठारस साल की उम्र से कारोबार जगत में सक्रिय एसपी हिंदुजा का नाम अस्सी के दशक में बोफोर्स घोटाले में प्रमुख रूप से सामने आया था। बोफोर्स घोटाले में आरोप लगाए गए थे कि हिंदुजा बंधुओं को गांधी परिवार से निकटता का काफी फायदा मिला था। गांधी परिवार से निकटता के कारण बोफोर्स सौदे को स्वीडिश कंपनी के पक्ष में करने के लिए उन्हें कमीशन भी दिया गया था।

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