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दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को तिहाड़ जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई कि रिमांड गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) को सौंप दी है। एक अधिकारी ने बताया कि गुजरात एटीएस को मादक पदार्थ की सीमा पार तस्करी मामले में बिशनोई की कस्टडी मिली है।
एटीएस की टीम बिशनोई से पिछले साल के ड्रग तस्करी मामले में पूछताछ करना चाह रही है। दरअसल, पिछले साल सितंबर में अरब सागर में पाकिस्तान की मछली पकड़ने की एक नौका से 40 किलोग्राम हिरोइन जब्त किया गया था। इस हिरोइन की कीमत 200 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। इस दौरान 'अल तय्यासा' नामक नौका से पांच पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार भी किया गया था।
बिश्नोई की हिरासत मिलने के बाद एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया- "हमें बिश्नोई की कस्टडी मिल गई है और पूछताछ के लिए हमारा दल गुजरात पहुंचने वाला है। मंगलवार तक उसे कच्छ जिले के एक अदालत में पेश किया जाएगा।"
पिछले साल सितंबर में जब्त किए गए हिरोइन मामले में पुलिस को पता चला था कि पाकिस्तान से तस्करी कर हिरोइन को दिल्ली पहुंचाना था। दिल्ली में मौजूद दो निवासियों सरताज मलिक तथा जग्गी सिंह उर्फ वीरपाल सिंह को दिल्ली, पंजाब और उत्तरी राज्यों में सड़क के माध्यम से पहुंचाना था। गुजरात पुलिस ने जानकारी दी थी कि नाइजीरिया के एक नागरिक समेत दो तस्करों के गिरोह द्वारा मादक पदार्थों की तस्करी की जा रही थी। फिलहाल दोनों तस्कर पंजाब की जेल में बंद है।
लगभग आठ आरोपियों से बातचीत के दौरान पता चला कि मादक पदार्थों की तस्करी मीराज रहमानी और अनी चीफ ओबिन्ना उर्फ चीफ (नाइजीरियाई नागरिक) जेल में ही बैठकर गिरोह चला रहे थे। ऐसा बताया गया है कि ये दोनों ही लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम करते हैं। पुलिस के अनुसार ये दोनों व्हाट्सएप और वीओआईपी (इंटरनेट फोन) कॉल के द्वारा गिरोह चला रहे थे।
गुजरात पुलिस को 2021 में मोरबी मादक पदार्थ जब्ती मामले में भारत भूषण उर्फ भोला शंकर क बारे में पता चला था। बता दें कि ये लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का ही सदस्य था। वह पंजाब जेल से ही मादक पदार्थों की तस्करी कर रहा था। हाल ही में उसकी जेल में मौत हो गई थी।
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