ऑस्ट्रेलिया से पारस्परिक मान्यता को लेकर समझौता करेगा भारत, संयुक्त डिग्री पर सहमति
ऑस्ट्रेलिया से पारस्परिक मान्यता को लेकर समझौता करेगा भारत, संयुक्त डिग्री पर सहमति
भारत और ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालय मिलकर संयुक्त डिग्री प्रोग्राम पर बात करेंगे। इसके अलावा भारत में कैंपस स्थापित करने पर भी चर्चा होगी।

ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर ने मंगलवार को कहा, वह भारत के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ शैक्षणिक योग्यता को पारस्परिक मान्यता से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। उन्होंने कहा, यह विस्तृत और सबसे अनुकूल मान्यता समझौता होगा। क्लेयर 28 फरवरी से 3 मार्च तक भारत के दौरे पर हैं। वह उच्च शिक्षा क्षेत्र के ऑस्ट्रेलिया के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, जो दोनों देशों के बीच साझेदारी को बढ़ाने के मकसद से यात्रा पर हैं।

क्लेयर ने कहा, मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति के 2035 तक पचास फीसदी युवा भारतीयों को उच्च शिक्षा व रोजगार परक शिक्षा से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। यह भारत के लिए बदलाव है, जो ऑस्ट्रेलिया के शिक्षण संस्थानों के लिए बेहतर अवसर है।

 

संयुक्त डिग्री और विदेशी कैंपस पर सहमति

भारत और ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालय मिलकर संयुक्त डिग्री प्रोग्राम पर बात करेंगे। इसके अलावा भारत में कैंपस स्थापित करने पर भी चर्चा होगी। यूजीसी ने 2022 में ही विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर संयुक्त डिग्री कोर्स शुरू करने की सहमति दे दी है।

केंद्रीय विद्यालय, दिल्ली कैंट का करेंगे दौरा: ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर दिल्ली विश्वविद्यालय के वेकेंटेश्वर कॉलेज के अलावा दिल्ली कैंट स्थित केंद्रीय विद्यालय-2 भी जाएंगे।

 

दिव्यांगों, मानसिक रूप से बीमार व एचआईवी रोगियों का भी बीमा

वहीं, आने वाले समय में मानसिक रूप से बीमार लोगों, दिव्यांगों और एचआईवी या एड्स के रोगियों को भी स्वास्थ्य बीमा की सुविधा मिल सकेगी।

भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने मंगलवार को बीमा कंपनियों से कहा कि इस तरह के ग्राहकों के लिए एक विशेष बीमा लाने की योजना बनाएं। नियामक ने कहा, इरडा के स्वास्थ्य बीमा के रेगुलेशंस, 2016 के तहत ऐसे उत्पाद तैयार किए जाएं और इनकी कीमतें यानी बीमा प्रीमियम भी तय किए जाएं। बीमाकर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि वे बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति तैयार करें जो यह सुनिश्चित करे कि इन श्रेणियों के किसी भी प्रस्ताव को बीमा कवर से वंचित नहीं किया गया है। पॉलिसी की अवधि एक साल होगी।

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