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गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक हो रही है। इसमें भाग लेने के लिए पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी और चीनी विदेश मंत्री किन गैंग पहुंच चुके हैं। इस मौके पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष किन गैंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। कहा जा रहा है कि इस दौरान दोनों के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर जारी सीमा विवाद पर भी चर्चा हुई।
बता दें कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक के मौके पर बेनाउलिम के एक बीच रिसॉर्ट में दोनों नेताओं के बीच वार्ता हुई। बता दें कि बीते दो महीनों में जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष के बीच यह दूसरी वार्ता थी। इससे पहले, मार्च माह में जी 20 के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान दोनों नेता मिले थे।
बैठक के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर इसकी जानकारी भी दी। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर चीन के विदेश मंत्री किन गैंग के साथ विस्तृत चर्चा हुई। इस दौरान सीमा क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने के लिए मुद्दों को हल करने पर भी चर्चा हुई। इसके अलावा हमने एससीओ, जी20 और ब्रिक्स पर भी चर्चा की है।
रूसी मंत्री से भी की वार्ता
इसके साथ ही विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से भी बातचीत की। उन्होंने इस मुलाकात के बारे में अपने ट्वीट में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ वार्ता में द्विपक्षीय, वैश्विक और बहुपक्षीय सहयोग की व्यापक समीक्षा की गई। इस दौरान उन्होंने भारत के एससीओ अध्यक्ष पद के लिए रूस के समर्थन की सराहना भी की।इसके साथ ही जी20 और ब्रिक्स से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की।
बीते सप्ताह राजनाथ ने सीमा विवाद पर कही थी यह बात
इससे पहले बीते सप्ताह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष ली शांगफू के साथ एक बैठक में सीमाई मुद्दों को लेकर भारत का रुख साफ किया था। उन्होंने कहा था कि चीन द्वारा मौजूदा सीमा समझौतों के उल्लंघन ने दोनों देशों के बीच संबंधों के पूरे आधार को 'खराब' कर दिया है। राजनाथ ने साफ कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सभी मुद्दों का समाधान द्विपक्षीय समझौतों के तहत निकाला जाना चाहिए। रक्षा मंत्री ने ली शांगफू से कहा कि पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले बाकी पॉइंट्स से सैनिकों की वापसी के बाद तनाव कम करने की दिशा में काम होना चाहिए। बता दें कि दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक 27 अप्रैल को बैठक नई दिल्ली में एससीओ रक्षा मंत्रियों के एक सम्मेलन के मौके पर हुई थी।
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