Maharani 2 Review: हुमा कुरैशी के हुनर का असली दमखम
Maharani 2 Review: हुमा कुरैशी के हुनर का असली दमखम
फिल्म ‘मुगल’ से आगे बढ़ चुके और फिल्म ‘जॉली एलएलबी 3’ को लेकर बन रही सुर्खियों से फिर चर्चा में लौटे निर्देशक सुभाष कपूर की डिजिटल दुनिया की पहली कोशिश ‘महारानी’ का दूसरा सीजन सोनी लिव पर देखना एक सुखद एहसास है।

अपनी बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘मुगल’ से आगे बढ़ चुके और फिल्म ‘जॉली एलएलबी 3’ को लेकर बन रही सुर्खियों से फिर चर्चा में लौटे निर्देशक सुभाष कपूर की डिजिटल दुनिया की पहली कोशिश ‘महारानी’ का दूसरा सीजन सोनी लिव पर देखना एक सुखद एहसास है। और, वह इसलिए कि जब सुभाष कपूर जैसा चिंतनशील सृजक किसी कहानी को कहने निकलता है तो जमाना उसकी तरफ टकटकी लगाकर देखता है। वेब सीरीज ‘महारानी’ का दूसरा सीजन इसी के चलते एक अच्छा प्रयास बन सका है और हालांकि सीरीज के एपीसोड काफी लंबे लंबे हैं लेकिन इसे देखकर देश की सियासत के ऐसे तमाम पहलू आज की पीढ़ी समझ सकती है जिससे वे अनजान ही रहे होंगे।

 

बदलते भारत की ऐसी तस्वीर

 इस नई पीढ़ी के लिए भारत एक तेजी से उभरता देश है। दुनिया की आर्थिक ताकत बनने के मुहाने पर खड़ा है। ऐसे में ‘महारानी’ जैसी वेब सीरीज लोगों को आसपास की गंदगी में लाकर एकदम से पटकती है और ये बताती है कि देखो कि क्या वाकई दाग अब भी अच्छे हैं। कहानियां राजनीति पर और भी कही जाती रहेंगी लेकिन ‘महारानी’ के दूसरे सीजन ने जिस तरह अपने पिछले सीजन की केंचुल उतारकर नई स्फूर्ति की गति पकड़ी है, वह दर्शनीय है।

 

पहले सीजन से बेहतर दूसरा सीजन

वेब सीरीज ‘महारानी’ के दूसरे सीजन ने उस श्राप से भी मुक्ति पाई है जो अक्सर वेब सीरीज के दूसरे सीजन के कांधे आ बैठता है। किसी कामयाब सीरीज का दूसरा सीजन बनाना सबसे मुश्किल काम रहा है। यहां पसंघा सुभाष कपूर के पलड़े में इसलिए है क्योंकि सीरीज का पहला सीजन कमजोर निकलने के बावजूद ओटीटी ने इसके दूसरे सीजन को हरी झंडी दी और सुभाष कपूर ने इस मौके को बेकार नहीं जाने दिया। पहले सीजन से कहीं बेहतर बने इसके दूसरे सीजन में पहले सीन से ही रानी भारती निशाने पर हैं। 

 

हुमा कुरैशी के हुनर का दमखम

हुमा कुरैशी के अभिनय की असली तासीर देखनी हो तो वेब सीरीज ‘महारानी’ का दूसरा सीजन जरूर देखिए। पहले सीजन में शायद उन्हें भी ज्यादा कुछ किरदार के बारे में समझ आया नहीं। वह अपने किरदार से मिलते जुलते असल जिंदगी के किरदार को परदे पर दिखाने की ही कोशिश तब करती रहीं थी। लेकिन, इस बार उनको मैदान समझ आ चुका है। हां, सोहम शाह के किरदार को लेकर जो झटका सीरीज बनाने वालों ने एकाएक दिया, वह थोड़ा खटक जाता है।

 

देखें कि न देखें

वेब सीरीज ‘महारानी’ के दूसरे सीजन के औसतन 50 मिनट के 10 एपीसोड देखने के लिए आपको अपने जीवन के आठ घंटे लगाने हैं। बिंच वॉच के लिए सीरीज का भौगोलिक विस्तार थोड़ा कमजोर है। निर्देशक रवींद्र गौतम की इकलौती चूक यहां कहानी के लिए उपयुक्त वातावरण न रच पाना है। सियासी कहानियों के षडयंत्र पसंद करने वालों के लिए वेब सीरीज ‘महारानी’ इस हफ्ते का अच्छा मनोरंजन है।

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