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मुंबई की एक अदालत ने सीमा शुल्क चोरी के दो दशक पुराने मामले में दो अधिकारियों समेत तीन वरिष्ठ नागरिकों को दोषी ठहराया और उनपर 5.50 करोड़ रुपये का जुर्माना लागाया। सीबीआई मामलों के स्पेशल जज एस. यू. वडगांवकर ने बुधवार को अपने आदेश में कहा कि आर्थिक अपराध देश की अर्थव्यवस्था और वित्तीय स्वास्थ्य के खतरनाक हैं।
अदालत ने मुख्य आरोपी तौफीक गफ्फार (71 वर्षीय) को सात साल जेल की सजा सुनाई और उसे 5.30 करोड़ रुपये जुर्माना भरने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा, गफ्फार ने साल 2000 में 4.5 करोड़ रुपये की आपराधिक आय का लाभ उठाया। इसलिए, उसे आर्थिक अपराध के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। अदालत ने कहा कि आरोपी जुर्माना राशि भरने के उत्तरदायी है।
अदालत ने सीमा शुल्क के तत्कालीन सहायक आयुक्त विनायक भेंडे (81 वर्षीय) को भी दोषी ठहराया और उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाई। उन पर बीस लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इसके अलावा अदालत ने 71 वर्षीय विनय कुमार को भी एक साल की जेल की सजा सुनाई है और उस पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। अदालत ने कहा कि लोकसेवक होने बावजूद भेंडे और कुमार ने आपराधिक कदाचार किया और गफ्फार को आर्थिक लाभ हासिल करने दिया।
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