एनआईए का पीएफआई के खिलाफ ऑपरेशन जारी, कई नेताओं को लिया गया हिरासत में, कई गिरफ्तार
एनआईए का पीएफआई के खिलाफ ऑपरेशन जारी, कई नेताओं को लिया गया हिरासत में, कई गिरफ्तार
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के खिलाफ जारी ऑपरेशन में यूपी भर से पीएफआई के नेताओं को गिरफ्तार किया गया है।

पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के खिलाफ एनआईए की कार्रवाई जारी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, एक संयुक्त ऑपरेशन में प्रदेश भर में यूपी एटीएस व यूपी एसटीएफ के सात नेताओं को हिरासत में लिया गया है। वहीं, एटीएस व एनआई ने गाजियाबाद से 12 एजेंट को गिरफ्तार किया है। इसी तरह सीतापुर, मेरठ व बुलंदशहर में भी गिरफ्तारी की गई हैं। इसके पहले, एनआईए ने टेरर फंडिंग पर शिकंजा कसने के लिए देश भर में छापेमारी की थी। इस कार्रवाई में छापेमारी के दौरान 100 से अधिक पीएफआई के सदस्यों को हिरासत में लिया गया है। 

 

पुलिस ने छापेमारी कर पीएफआई संगठन से जुड़े दो लोगों को हिरासत में लिया

सोमवार देर रात लखनऊ की एटीएस और जिले की पुलिस ने खैराबाद और रामपुर कला से दो संदिग्धों को हिरासत में लिया। जिनके संबंध पीएफआई संगठन से होना बताया जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि कई दिनों से वह संगठन के लिए सक्रियता से काम कर रहे थे। अभी तक उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है। देर रात ही स्थानीय पुलिस की मदद से  मोहम्मद अनीश निवासी ग्राम तेंदुवा बहोरी थाना रामपुर कलां व मुकीम निवासी असोधर थाना खैराबाद को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। रात से उनसे पूछताछ की जा रही है। उनसे किन बिंदुओं पर पूछताछ की जा रही है।इस बात का पता अभी नहीं चल सका है।मामले में पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है। बताया जा रहा है कि छापेमारी के दौरान फहीम निवासी ग्राम सहारिया रामपुर कलां फरार भी हो गया है। वही खैराबाद का रहने वाला मुकीम पहले भी हिरासत में लिया जा चुका है। डेढ़ साल पहले उसे हिरासत में लिया गया था। इस दौरान उसकी गतिविधियां संदिग्ध पाई गई थी। मामले में एएसपी दक्षिणी एनपी सिंह ने बताया कि अभी कुछ भी कहना उचित नहीं होगा संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

 

गाजियाबाद से पीएफआई के 12 एजेंट गिरफ्तार 

एटीएस और एनआईए ने गांव कलछीना में मारा छापा। इसी गांव का परवेज पीएफआई का पश्चिमी यूपी प्रभारी है। चार दिन पहले उसके घर छापा पड़ा था। वह हाथ नहीं आया था। उसने ही इन लोगों को पीएफआई से जोड़ा। मोदीनगर थाने में सभी से पूछताछ की जा रही है।

 

एसटीएफ ने की स्याना और नगर में छापेमारी, दो सदस्य पकड़े

बुलंदशहर जनपद के स्याना और नगर कोतवाली क्षेत्र में सोमवार देर रात एसटीएफ ने विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान टीम ने पीएफआई से जुड़े स्याना निवासी अफजाल पुत्र नईम और नगर के फैसलाबाद निवासी अब्दुल खालिक को हिरासत में लिया है। जिन्हें टीम अपने साथ लेकर चली गई है। बताया जा रहा है कि अफजाल मेरठ में वकालत करता है। उसके पिता का स्याना में बड़े बंबे के निकट लीची का बाग है। मेरठ स्थित मकान उन्होंने किराए पर उठाया हुआ है। बीते काफी समय से एसटीएफ की टीम अफजाल पर पीएफआई से जुड़ा होने की आशंका के चलते नजर बनाए हुए थी। वहीं, अब्दुल खालिक पूर्व में सम्जवादी पार्टी का सदस्य रह चुका है। वर्तमान में ए आई एम आई एम से जुड़ा है। परिजनों ने बताया कि अब्दुल खालिक करीब तीन माह पूर्व पीएफआई छोड़ चुके हैं। हालांकि इस संबंध में अधिकारी अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं कर रहे हैं।

 

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) क्या है?

पॉपुलर फ्रट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था। ये संगठन दक्षिण भारत में तीन मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे।

पीएफआई का दावा है कि इस वक्त देश के 23 राज्यों में यह संगठन सक्रिय है। देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है। कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है। इसकी कई शाखाएं भी हैं।

इसमें महिलाओं के लिए- नेशनल वीमेंस फ्रंट और विद्यार्थियों के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठन शामिल हैं।  यहां तक कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव के वक्त एक दूसरे पर मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन पाने के लिए पीएफआई की मदद लेने का भी आरोप लगाती हैं। गठन के बाद से ही पीएफआई पर समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियां करने के आरोप लगते रहते हैं।

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