बेल्जियम के विश्व कप से बाहर होने पर गुस्से से आग बबूला हुए रोमेलू लुकाकू, डगआउट में जमकर की तोड़फोड़
बेल्जियम के विश्व कप से बाहर होने पर गुस्से से आग बबूला हुए रोमेलू लुकाकू, डगआउट में जमकर की तोड़फोड़
मैच समाप्त होने के बाद लुकाकू काफी निराश दिखे। वह सहायक कोच थिएरी हेनरी के गले लग गए और काफी देर तक रोते रहे। इसके बाद वह भारी कदमों से डगआउट की बढ़े। वहां जाकर उन्होंने अपना गुस्सा डगआउट के शीशे पर उतारा।

बेल्जियम की टीम कतर में चल रहे फुटबॉल विश्व कप से बाहर हो चुकी है। उसे गुरुवार (एक दिसंबर) रात क्रोएशिया ने 0-0 की बराबरी पर रोक कर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया। बेल्जियम को आगे बढ़ने के लिए किसी भी हाल में जीत की आवश्यकता थी, लेकिन टीम एक भी गोल नहीं कर सकी। उसके स्टार स्ट्राइकर रोमेलू लुकाकू ने गोल करने के कई मौके गंवाए। इसके बाद लुकाकू की आलोचना सोशल मीडिया पर जमकर हुई।

ग्रुप-एफ में जब बेल्जियम की टीम मैदान पर उतरी तो कप्तान ईडन हेजार्ड और रोमेलू लुकाकू शुरुआती एकादश में नहीं थे। पहले हाफ में दोनों टीमें एक भी गोल नहीं कर पाई। हाफटाइम के ठीक बाद लुकाकू को ड्रीस मार्टेंस की जगह सब्सीट्यूट के तौर पर उतारा गया। लुकाकू उसके बाद पूरे मैच में टीम के साथ रहे। उन्हें गोल करने के कम से कम तीन आसान मौके मिले, लेकिन वह हर बार चूक गए।

 

90वें मिला था आसान मौका

इनमें से 90वें मिनट में मिला मौका तो सबसे आसान था। क्रोएशिया के गोलकीपर गोलपोस्ट से दूर हो चुके थे। गेंद लुकाकू के सीधे सामने आई। उन्होंने हेडर लगाने की जगह उसे छाती से रोका, लेकिन नियंत्रित नहीं कर पाए। गेंद गोलपोस्ट में नहीं गया और क्रोएशियाई गोलकीपर ने आकर गेंद को आसानी से पकड़ लिया।

 

हेनरी के गले लगकर रोए लुकाकू

मैच समाप्त होने के बाद लुकाकू काफी निराश दिखे। वह सहायक कोच थिएरी हेनरी के गले लग गए और काफी देर तक रोते रहे। इसके बाद वह भारी कदमों से डगआउट की बढ़े। वहां जाकर उन्होंने अपना गुस्सा डगआउट के शीशे पर उतारा और उसे फोड़ दिया। बेल्जियम की टीम पिछले साल विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंची थी। वहां उसे फ्रांस ने हराया था। उसके बाद तीसरे स्थान के मैच में बेल्जियम ने इंग्लैंड को 2-0 से परास्त किया था।

 

'गोल्डन जेनरेशन' का सपना टूटा

बेल्जियम की इस टीम में कप्तान इडेन हेजार्ड, दुनिया के बेस्ट मिडफील्डर में से एक केविन डी ब्रुइन, स्टार स्ट्राइकर रोमेलू लुकाकू और गोलकीपर थिबाउट कोर्त्वा सहित कई स्टार खिलाड़ी हैं। इस कारण इस टीम को बेल्जियम की फुटबॉल इतिहास में 'गोल्डन जेनरेशन' कहा गया। उसी गोल्डन जेनरेशन' के एक सदस्य रोमेलू लुकाकू ने इस मुकाबले में कई गलतियां कीं। उन्होंने तीन आसान मौके गोल के गंवाए। बेल्जियम की इस 'गोल्डन जेनरेशन' टीम की उम्र हो चुकी है। इसे खुद केविन डी ब्रुइन ने स्वीकार किया था। इनमें से कई खिलाड़ी अगली बार विश्व कप में नहीं दिखेंगे।

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