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पैगंबर मोहम्मद पर कथित टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा को बड़ी राहत दी है। सर्वोच्च अदालत ने नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी पर 19 अगस्त तक रोक लगा दी है। साथ ही अदालत ने उनके खिलाफ देशभर में दर्ज एफआईआर को दिल्ली स्थानांतरित करने का आदेश दिया है। अब इन सब एफआईआर पर एक साथ सुनवाई होगी। इसके अलावा, नूपुर शर्मा के खिलाफ सभी क्लब की गई एफआईआर को जांच के लिए दिल्ली पुलिस को स्थानांतरित कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने जांच पूरी होने तक नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक लगाई है। अदालत ने कहा है कि ये आदेश सभी लंबित और भविष्य की एफआईआर में भी जारी रहेगा।
पत्रकार नाविका को पहले ही दी जा चुकी है 'सुप्रीम' राहत
पैगंबर विवाद से जुड़े नुपुर शर्मा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीते आठ अगस्त को पत्रकार नाविका कुमार को राहत दी थी। अदालत ने विभिन्न राज्यों में दर्ज मामलों को लेकर उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई है।
यह मामला एक न्यूज चैनल के शो के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक बातों के प्रसारण से संबंधित है। इस केस में नुपुर के अलावा पत्रकार नाविका कुमार के खिलाफ भी अलग-अलग राज्यों में एफआईआर दर्ज की गई हैं। इस शो को लेकर भविष्य में दर्ज होने वाली FIR पर भी यह छूट कायम रहेगी और नाविका कुमार की गिरफ्तारी नहीं होगी। जिन राज्यों में FIR दर्ज हुई है, उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
अदालत ने नुपुर को लगाई थी फटकार
गौरतलब है कि इससे पहले जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था। पूर्व भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने एक याचिका दाखिल करके सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि देशभर में उनके खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई दिल्ली में हो। नुपुर ने अपनी जान को खतरा भी बताया था। हालांकि, तब कोर्ट ने नुपुर को कोई राहत देने से इनकार कर दिया था। इतना ही नहीं अदालत ने उन्हें फटकार भी लगाई थी।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा था कि उन्हें खतरा है या वह सुरक्षा के लिए खतरा बन गई हैं? उन्होंने जिस तरह से पूरे देश में भावनाओं को भड़काया है, देश में जो हो रहा है उसके लिए वह अकेले जिम्मेदार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि नुपुर शर्मा द्वारा माफी मांगने और बयान वापस लेने में बहुत देर की गई। कोर्ट की फटकार के बाद नुपुर के वकील ने याचिका वापस ले ली थी।
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