निर्मला सीतारमण बोलीं- इस साल जीडीपी 7.4% की दर से बढ़ेगी, मुफ्त उपहार बांटने वाले दलों को दी नसीहत
निर्मला सीतारमण बोलीं- इस साल जीडीपी 7.4% की दर से बढ़ेगी, मुफ्त उपहार बांटने वाले दलों को दी नसीहत
वित्त मंत्री ने कहा है कि इस वित्तीय वर्ष में जीडीपी 7.4% की दर से बढ़ेगी और इसके वित्तीय वर्ष 23-24 में भी इसी स्तर पर बने रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि मुफ्त में उपहार देने की चुनावी घोषणा करने वाले दलों को इसके लिए बजटीय प्रावधान करनी चाहिए।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इस वित्तीय वर्ष में जीडीपी 7.4% की दर से बढ़ेगी और इसके वित्तीय वर्ष 23-24 में भी इसी स्तर पर बने रहने की उम्मीद है। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि चुनाव से पहले मुफ्त उपहार देने का वादा करने वाले राजनीतिक दलों को सत्ता में आने पर होने वाले खर्च के लिए बजटीय प्रावधान करना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक ने भी अगले दो वित्तीय वर्षों में भारत की वृद्धि दर सबसे तेज रहने का अनुमान लगाया है और उनके अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमानों से मेल खाते हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक स्थिति लगातार चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। वित्त मंत्री शुक्रवार को FE Best Banks Awards कार्यक्रम के दौरान बोल रही थीं।

वित्त मंत्री ने इस दौरान यह भी कहा कि देश के निर्यात क्षेत्र को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि वैश्विक विकास धीमा हो गया है। दूसरी ओर उन्होंने निर्यातकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि सरकार ऐसी संस्थाओं के साथ लगातार सहयोग करती रहेगी ताकि वे विपरीत परिस्थितियों का सामना कर सकें।

 

महंगाई अब भी गंभीर स्थिति मेंः आरबीआई डिप्टी गवर्नर 

वहीं दूसरी ओर भारती रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा ने कहा है कि इन्फ्लेशन ट्रॉजेक्टरी अब भी गंभीर बना हुआ है। ऐसा भू-राजनीतिक गतिविधियों और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉमोडिटीज की बढ़ती कीमतों के कारण है। 

 

महंगाई से निपटने के लिए लिया गया रेपो रेट बढ़ाने का फैसला

उन्होंने कहा कि आरबीआई ने  महंगाई का असर कम करने के लिए अपनी ओर से मौद्रिक नीति प्रतिक्रिया को आगे बढ़ाया है। उच्च मुद्रास्फीति की स्थिति से निपटने के उद्देश्य से बेंचमार्क दर में अब तक 140 आधार अंकों की वृद्धि करने का फैसला लिया गया है। मुद्रास्फीति की दर पिछले सात महीनों से छह प्रतिशत के ऊपर बना हुआ है। इस महीने की शुरुआत में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मुद्रास्फीति पर ध्यान केंद्रित करते हुए रेपो रेट को बढ़ाने का फैसला किया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महंगाई विकास का समर्थन करते हुए आरबीआई की ओर से निर्धारित लक्ष्य के भीतर बनी रहे।

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