SSC Scam Case: पार्थ चटर्जी और बोर्ड के पूर्व चेयरमैन को पांच दिन की CBI हिरासत
SSC Scam Case: पार्थ चटर्जी और बोर्ड के पूर्व चेयरमैन को पांच दिन की CBI हिरासत
घोटाले के सिलसिले में चटर्जी की हिरासत के लिए केंद्रीय एजेंसी द्वारा उसके समक्ष प्रार्थना के बाद शुक्रवार को अलीपुर जिला अदालत में विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष पेश किया गया था।

एसएससी घोटाला मामले में अलीपुर कोर्ट ने पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को 21 सितंबर तक सीबीआई को रिमांड पर भेज दिया। सीबीआई ने एसएससी भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को यहां अलीपुर जिला अदालत में पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की हिरासत की मांग की थी। चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को 23 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। ईडी ने अब तक फ्लैटों से आभूषण और दूसरी संपत्तियों सहित लगभग 50 करोड़ रुपये नकद जब्त किए हैं। वहीं, एसएससी घोटाला मामले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली को 21 सितंबर तक सीबीआई हिरासत में भेजा गया है। 

 

न्यायिक हिरासत में हैं पार्थ चटर्जी 

पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी अभी न्यायिक रिमांड में हैं। घोटाले के सिलसिले में चटर्जी की हिरासत के लिए केंद्रीय एजेंसी द्वारा उसके समक्ष प्रार्थना के बाद शुक्रवार को अलीपुर जिला अदालत में विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष पेश किया गया था। जज ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्रार्थना पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सीबीआई ने एसएससी शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी भर्ती घोटाले की जांच के संबंध में उनसे पूछताछ के लिए चटर्जी की 14 दिन की हिरासत मांगी थी। हालांकि अदालत ने चटर्जी को पांच दिन की हिरासत में ही भेजा। 

विशेष अदालत के न्यायाधीश से चटर्जी के वकील ने प्रार्थना की कि अधिक उम्र और अस्वस्थ होने के कारण उन्हें जमानत गी जाए। 70 वर्षीय पूर्व मंत्री ने दावा किया कि वह रोजाना 28 दवाएं लेते हैं। चटर्जी ने बेगुनाही का दावा करते हुए कहा कि उन्हें भर्ती प्रक्रिया के दिन-प्रतिदिन के मामलों की जानकारी नहीं थी।

 

अनुब्रत मंडल के आवास पहुंची सीबीआई टीम, बेटी से पूछताछ 

वहीं, सीबीआई टीम ने शुक्रवार को गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल के बोलपुर आवास का दौरा किया और पशु तस्करी मामले की जांच के सिलसिले में उनकी बेटी से बात की। सूत्रों ने कहा कि सीबीआई की तीन सदस्यीय टीम, जिसमें एक महिला अधिकारी भी शामिल थी, सुकन्या मंडल से बात की। दोपहर से एक घंटे से अधिक समय तक टीएमसी बीरभूम जिलाध्यक्ष के निचुपट्टी आवास पर रहने के बाद सीबीआई टीम जांच के सिलसिले में पास के एक डाकघर में गई।

सीबीआई अधिकारियों ने लगभग 45 मिनट डाकघर में बिताए और एक कर्मचारी से बात की। सुकन्या मंडल कथित तौर पर अपने पिता से जुड़ी एक राइस मिल की शेयरधारक हैं। सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों ने चावल मिल के पूर्व मालिक के बेटे से भी बात की जो एजेंसी के बोलपुर स्थित कैंप कार्यालय में आया था। सीबीआई के अधिकारियों ने तलाशी अभियान के लिए चावल मिल का दौरा किया था और कुछ वाहनों को जब्त किया था, जो कथित तौर पर दूसरों के स्वामित्व में थे लेकिन टीएमसी नेता द्वारा उपयोग किए गए थे।

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