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कोर्ट ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता कुछ और चाहते हैं, तो वे मजिस्ट्रेट या दिल्ली हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र में जा सकते हैं।
भारतीय कुश्ती संघ (WFI) अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे पहलवानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए पूछा कि अब तक सभी पीड़िताओं के बयान दर्ज क्यों नहीं किए गए हैं? कोर्ट ने यह भी पूछा कि पीड़िताओं के बयान मजिस्ट्रेट के सामने कब तक दर्ज किए जाएंगे। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पहलवानों की याचिका पर भी सुनवाई बंद कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका का उद्देश्य पूरा हो गया है क्योंकि एफआईआर दर्ज कर ली गई है। साथ ही पहलवानों को सुरक्षा प्रदान की गई है।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि हमने इस स्तर पर कार्यवाही बंद कर दी है। कोर्ट ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता कुछ और चाहते हैं, तो वे मजिस्ट्रेट या दिल्ली हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र में जा सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?
- पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि दिल्ली पुलिस मामले की ठीक से जांच नहीं कर रही है।
- पहलवानों के वकील हुड्डा ने कहा- 21 अप्रैल को शिकायतकर्ता थाने पहुंचे थे। शिकायत की रसीद देने में पुलिस ने दो घंटे लगाए। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट में मामला आने के बाद 28 अप्रैल को एफआईआर दर्ज की गई।
- पहलवानों के वकील ने कहा कि 29 अप्रैल को पुलिस ने नाबालिग को पूछताछ के लिए बुलाया था। उससे तीन घंटे पूछताछ की गई। इसके बाद से पूछताछ बंद है।
- पहलवानों के वकील ने कहा- आरोपी टीवी चैनल पर इंटरव्यू दे रहा है। आरोपी शिकायतकर्ताओं का नाम ले रहा है।
- पहलवानों के वकील ने बुधवार रात जंतर-मंतर पर हुए हंगामे का भी जिक्र किया और दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाए।
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