दिल्ली विधानसभा में तीसरे दिन भी हंगामा, उपराज्यपाल को 'कबीले का सरदार' बताने पर भड़की भाजपा
दिल्ली विधानसभा में तीसरे दिन भी हंगामा, उपराज्यपाल को 'कबीले का सरदार' बताने पर भड़की भाजपा
आम आदमी पार्टी नेता सिसोदिया ने संविधान की दुहाई देते हुए कहा कि यह देश संविधान के अनुसार चलता है, जिसमें उपराज्यपाल और एक चुनी हुई सरकार के कार्यों के बीच स्पष्ट अंतर बताया गया है।

दिल्ली विधानसभा के तीसरे दिन भी जमकर हंगामा हुआ। भाजपा ने यमुना में प्रदूषण और भ्रष्टाचार के मामले पर सदन में चर्चा करानी चाही, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने अस्वीकार कर दिया, तो उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल को कबीले का सरदार करार दे दिया। इस पर भाजपा भड़क उठी और उसने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी लोकतांत्रिक मर्यादाओं को लगातार तार-तार करने पर तुली हुई है और उपराज्यपाल के प्रति अपमानजनक शब्दों का प्रयोग कर भी आम आदमी पार्टी ने स्वयं के अराजक होने का सबूत दिया है।

इसके पहले के दो दिनों में भी सदन के बाहर हंगामा होता रहा। भाजपा ने भ्रष्टाचार और प्रदूषण पर चर्चा की मांग कर हंगामा किया, तो आम आदमी पार्टी ने शिक्षकों को विदेश में ट्रेनिंग के लिए जाने देने से रोकने को असंवैधानिक बताते हुए उपराज्यपाल और भाजपा पर हमला बोला। अरविंद केजरीवाल ने यहां तक कहा कि उपराज्यपाल को एक चुनी हुई सरकार के कामकाज में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है।

 

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सदन में आरोप लगाया कि नगर निगम में मनोनीत पार्षदों को नियुक्त करने में लोकतांत्रिक मर्यादाओं का पालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल होने के नाते वे केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार चल सकते हैं, लेकिन वे इससे आगे बढ़कर एक कबीले के सरदार की तरह व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वे किसी परंपरा और कानून की परवाह नहीं कर रहे हैं और केवल केंद्र के इशारे पर काम कर रहे हैं। उन्होंने उपराज्यपाल के लिए 'कबीले के सरदार' की तरह काम करने का आरोप लगाया जिस पर भाजपा ने प्रहार किया।

आम आदमी पार्टी नेता सिसोदिया ने संविधान की दुहाई देते हुए कहा कि यह देश संविधान के अनुसार चलता है, जिसमें उपराज्यपाल और एक चुनी हुई सरकार के कार्यों के बीच स्पष्ट अंतर बताया गया है। जहां संविधान मौन है, वहां लोकतांत्रिक परंपरायें संविधान के संरक्षक को राह दिखाती हैं। लेकिन दिल्ली के संदर्भ में इन सारी बातों को ताक पर रख दिया गया है।

 

अराजक पार्टी है आप- भाजपा

भाजपा नेता नेहा शालिनी दुआ ने कहा कि आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल स्वयं को अराजक व्यक्ति बताते रहे हैं। पिछले दिनों कई बार इस तरह की घटनाएं घटी हैं, जिनके माध्यम से आम आदमी पार्टी ने स्वयं के अराजक होने का प्रमाण दिया है। उन्होंने कहा कि नगर निगम में उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त पार्षदों को शपथ न लेने देना और अब उपराज्यपाल के लिए अपमानजनक शब्दों का उपयोग कर आम आदमी पार्टी ने इस बात का प्रमाण दे दिया है कि वह और उसके नेता अरविंद केजरीवाल अराजक हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को लोकतांत्रिक मर्यादाओं के अनुसार सरकार चलाने पर ध्यान देना चाहिए। 

 

भ्रष्टाचार में लिप्त है आप- कांग्रेस

कांग्रेस नेता चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि आम आदमी पार्टी के एक विधायक के द्वारा दिल्ली विधानसभा में नोटों की गड्डियां लहराई गईं। यह बताता है कि आम आदमी पार्टी के नेता पूरी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और जनता के कार्यों के लिए जमकर घूस ली जा रही है। इसके पहले एक्साइज मामले के दौरान भी इसी तरह की बात सामने आई थी जहां सरकार ने अपने लाभ के लिए जनता के हितों की उपेक्षा की। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के कारण आम आदमी पार्टी को अब सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है।

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