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महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि वह रत्नागिरी जिले में आठ लोगों को उनके गांवों में प्रवेश करने और प्रस्तावित बारसू रिफाइनरी परियोजना के खिलाफ सोशल मीडिया पर कोई भी टिप्पणी पोस्ट करने से रोकने वाले दो आदेशों को तुरंत वापस लेगी।
यह बयान न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की खंडपीठ के समक्ष दिया गया। यह खंडपीठ सरकार के आदेशों के खिलाफ राजापुर तालुका के विभिन्न गांवों के आठ निवासियों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। राज्य सरकार ने 22 अप्रैल और 25 अप्रैल 2023 के अपने दो आदेशों में आठ लोगों को 31 मई तक उनके गांवों में प्रवेश करने से रोक दिया था।
रत्नागिरी रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड का विरोध कर रहे हैं ग्रामीण
उनके सोशल मीडिया पर ऐसी कोई टिप्पणी या टिप्पणी पोस्ट करने पर भी पाबंदी लगा दी गई थी जिससे भ्रम पैदा हो या कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़े। याचिकाकर्ता और स्थानीय निवासियों का एक वर्ग प्रस्तावित रत्नागिरी रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है। उनका कहना है कि इससे उनकी आजीविका प्रभावित होगी।
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