दूसरी तिमाही में 20.57 अरब ऑनलाइन लेनदेन, 36.08 लाख करोड़ रुपये का हुआ कारोबार
दूसरी तिमाही में 20.57 अरब ऑनलाइन लेनदेन, 36.08 लाख करोड़ रुपये का हुआ कारोबार
वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि चावल के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं है। कारोबारी 20 फीसदी ड्यूटी चुकाकर इसका निर्यात कर सकते हैं। 8 सितंबर को सरकार ने टूटे हुए चावलों के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी।

देश में दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के दौरान कुल 20.5 अरब के ऑनलाइन लेनदेन किए गए, जबकि 36.08 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। आंकड़ों के मुताबिक, यह लेनदेन डेबिट व क्रेडिट कार्ड, प्रीपेड भुगतान जैसे मोबाइल और प्रीपेड कार्ड और यूपीआई से किए गए।

इंडिया डिजिटल पेमेंट रिपोर्ट के अनुसार, मूल्य के लिहाज से क्रेडिट और डेबिट कार्ड से 14 फीसदी भुगतान किया गया। यूपीआई के जरिये 17.4 अरब लेनदेन किए गए जिसके तहत 30.4 लाख करोड़ का कारोबार हुआ। एक साल पहले इसी अवधि की तुलना में यह 98 फीसदी अधिक है। 

यूपीआई के साथ इस समय 346 बैंकों की भागीदारी है। इसके जरिये संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, फ्रांस और भूटान में लेनदेन किया जा सकता है। जून, 2022 तक कुल 65.9 लाख पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) टर्मिनल थे। जबकि डेबिट और क्रेडिट कार्ड की कुल संख्या एक अरब रही।

 

सितंबर में यूपीआई से 11 लाख करोड़ का कारोबार

एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में यूपीआई से 11 लाख करोड़ रुपये के कारोबार हुए। इस दौरान कुल 678 करोड़ लेनदेन हुए। इस साल मई में 10 लाख करोड़ रुपये का कारोबार यूपीआई से हुआ था।

 

20 फीसदी शुल्क देकर कर सकते हैं चावल निर्यात

वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि चावल के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं है। कारोबारी 20 फीसदी ड्यूटी चुकाकर इसका निर्यात कर सकते हैं। 8 सितंबर को सरकार ने टूटे हुए चावलों के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी। एक नोटिस में विदेशी व्यापार महानिदेशालय ने कहा कि उसे इस संबंध में एक रिप्रजेंटेशन मिला है। इस संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि 5 फीसदी और 25 फीसदी टूटे हुए चावल के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं है। हालांकि, टूटे हुए सामान्य चावल को एक सीमा के तहत मंजूरी दी गई है।

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