जल विद्युत निगम की शक्ति नहर के बार-बार क्षतिग्रस्त होने को लेकर दहाड़ा मोर्चा
जल विद्युत निगम की शक्ति नहर के बार-बार क्षतिग्रस्त होने को लेकर दहाड़ा मोर्चा
जल विद्युत निगम की शक्ति नहर के बार-बार क्षतिग्रस्त होने को लेकर दहाड़ा मोर्चा

जल विद्युत निगम की शक्ति नहर के बार-बार क्षतिग्रस्त होने को लेकर दहाड़ा मोर्चा

विकासनगर क्षेत्र की बेहद महत्वपूर्ण शक्ति नहर, जो कि विद्युत उत्पादन के मामले में उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड की रीढ है,के घटिया निर्माण/ मरम्मत कार्य के चलते नहर के बार-बार क्षतिग्रस्त होने को लेकर जन संघर्ष मोर्चा टीम ने मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में कई जगह से क्षतिग्रस्त हो चुकी शक्ति नहर को देख कर अधिकारियों एवं ठेकेदारों के प्रति नाराजगी जताई  नेगी ने कहा कि एक बार फिर बरसात में नहर का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि एक- डेढ़ वर्ष पूर्व इसकी मरम्मत पर लाखों-  करोड़ों रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन कुछ ही समय में पैनल दोबारा टूट कर नहर में समा गये। यह घटना न केवल उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है, बल्कि इसमें प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार की और भी साफ इशारा करती है | पूर्व में मरम्मत के नाम पर मिलीभगत कर घटिया कार्य कराए गए, जिसमें मोटी कमीशन डकार ली गई ताकि दोबारा फिर उसी कार्य को करने के टेंडर मिलते रहें आपको बता दे की शक्ति नहर पर बनी तीन परियोजनाएं ढालीपुर 51 मेगावाट, ढकरानी 33.75 मेगावाट और कुल्हाल 30 मेगावाट,जोकि  क्रमश: लगभग 247 एमयू,156 व 160 एमयू (वर्ष 2021-22 के आंकड़े) विद्युत उत्पादन करते हैं, इन तीन पावर हाउसों को जलापूर्ति करने वाली शक्ति नहर, राज्य के विद्युत उत्पादन की रीढ़ मानी जाती है। मगर बार-बार इसके क्षतिग्रस्त होने से न केवल विद्युत उत्पादन ठप हो जाता है, बल्कि करोड़ों की जनता की गाढ़ी कमाई पानी में बह जाती है।
कुछ समय पूर्व नहर में क्लोजर करके मरम्मत कराई गई थी। इसके बावजूद दोबारा पैनल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अब आनन-फानन में फिर से मरम्मत का काम शुरू किया गया है, जिसमें 'कट्टों' के सहारे नहर को भरने की अस्थायी कोशिश की जा रही है निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर कभी कोई ध्यान नहीं दिया जाता |
नेगी ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड की कार्यशैली को लेकर उठ रहा है। बार-बार होने वाले इन हादसों के बावजूद न तो ठेकेदारों पर कोई ठोस कार्रवाई की जाती है, और न ही जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय होती है। जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि  मोर्चा निर्माण /मरम्मत कार्यों में हुई धांधली की जांच एवं संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कराने को शासन में दस्तक देगा वही मोर्चा की टीम में महासचिव आकाश पवार दिलबाग सिंह भीम सिंह बिष्ट मुकेश पसबोला नसीम आदि शामिल रहे

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