कौन हैं शानू: लंबे समय से थे आजम खां के खास, गंभीर आरोप में कई मुकदमे भी हैं दर्ज
कौन हैं शानू: लंबे समय से थे आजम खां के खास, गंभीर आरोप में कई मुकदमे भी हैं दर्ज
सपा नेता आजम खां के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू भगवा रंग में रंग गए हैं। सोमवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह के सामने उन्होंने अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल होने का एलान कर दिया।

सपा नेता आजम खां के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू भगवा रंग में रंग गए हैं। सोमवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह के सामने उन्होंने अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल होने का एलान कर दिया। उपचुनाव के वक्त शानू का पार्टी छोड़ना आजम खां के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। क्योंकि शानू ने विपरीत परिस्थितियों में आजम खां का साथ नहीं छोड़ा था।

फसाहत अली खां शानू और आजम खां का साथ काफी लंबा है। आजम खां को जब सपा ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था तो शानू उनके साथ खड़े रहे। शानू ने आजमवादी मंच बनाया, जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष भी वो थे। 2017 में भाजपा की सरकार आने के बाद आजम खां और उनके समर्थकों के खिलाफ धड़ाधड़ मुकदमे दर्ज हुए हैं। शानू पर भी 30 से अधिक मुकदमे हैं।

 

उनके खिलाफ लोगों के घर में घुसकर सामान चुराने, उनके घरों पर बुल्डोजर चलवाने, भैंस चोरी करने और भैंस की घंटी चोरी करने के आरोप में मुकदमे दर्ज हैं। मुकदमे दर्ज होने के बाद शानू काफी समय तक भूमिगत रहे।

पुलिस ने उनको गिरफ्तार करने का दावा किया था। पुलिस ने उनके खेत पर बने फार्म से चोरी की भैंस बरामद करने का भी दावा किया था। पुलिस ने शानू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। शानू जब जेल में थे उनके वालिद का इंतकाल हो गया था।

वालिद के इंतकाल के बाद से शानू टूट गए थे। हालांकि जेल से बाहर के आने के बाद भी शानू ने आजम खां साथ छोड़ा नहीं था। इस बीच पुलिस ने इनके खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई करते दो बार जिला बदर कर दिया था। अभी कुछ दिन पहले ही शानू की जिला बदर की अवधि समाप्त हुई है। इसके बाद वो रामपुर आए हैं।

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