UP Budget 2023-24: अखिलेश बोले, बजट में युवाओं के लिए रोजगार नहीं
UP Budget 2023-24: अखिलेश बोले, बजट में युवाओं के लिए रोजगार नहीं
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि योगी सरकार के बजट में नौजवानों को रोजगार देने का वादा नहीं किया गया है और एमएसएमई सेक्टर के लिए भी पैकेज की घोषणा नहीं की गई है।

सपा अध्यक्ष व नेता विरोधी दल अखिलेश यादव ने कहा कि दिल्ली सरकार ने किसानों और गांव को निराश किया और अब राज्य सरकार बजट में भी किसानों और गांव के लिए कुछ नहीं है। सरकार बताएं क्या किसानों की आय दोगुनी हुई? क्या किसानों को उनकी फसलों की सही कीमत मिल रही है? डीजल की महंगाई से आवागमन ही नहीं महंगा होता बल्कि सड़क, अस्पताल के निर्माण से लेकर खेती किसानी के कार्य भी प्रभावित हो जाते हैं। युवाओं के रोजगार के लिए कुछ नहीं है। बजट में इन्वेस्टमेंट पॉलिसी या उद्योग धंधे लगाने के लिए राहत पैकेज नहीं दिया गया। प्रदेश में ईज ऑफ  डूइंग बिजनेस नहीं ईज आफ  डूइंग क्राइम है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पांच करोड़ विधायक निधि करने की घोषणा की थी पर सदन में दिया गया वादा भी तोड़ दिया। लखनऊ- कानपुर मेट्रो एक इंच आगे नहीं बढ़ी। गन्ना किसानों के साथ लगातार धोखा किया। मां गंगा की सफाई का वादा भी झूठा निकला। गंगा एक्सप्रेस वे निर्माण पर संकट घिरता नजर आ रहा है। अभी तक कोई नया स्टेडियम भी नहीं बना है। भाजपा का यह बजट जनविरोधी, विकास विरोधी है।

 

आज का बजट नौकरशाही के नाम है। आंकड़ों की बाजीगरी को सलाम। इस बजट से प्रदेश का भला नहीं होगा। राहत के नाम पर कोई योजना नहीं है। सरकार का ध्यान गरीबों पर न होकर सिर्फ अमीरों को फायदा पहुंचाने पर है। शिक्षित बेरोजगारों के लिए सरकार ने कोई प्रावधान करने की जरूरत नहीं समझा है। - शिवपाल सिंह यादव, विधायक सपा

 

भाजपा सरकार का बजट जनता को छलने वाला है। भाजपा सरकार के आंकड़ों के हिसाब से अगर महंगाई दर सिर्फ 6.50 प्रतिशत को घटाकर देखें तो केवल 5.64 प्रतिशत बजट पिले साल से बढ़ाकर प्रस्तुत किया गया है। नई योजनाओं में पिछले वर्ष से 6459.14 करोड़ कम धनराशि ली गई है। इससे लगता है कि सरकार के पास नई योजनाएं नहीं हैं। भाजपा सरकार ने संतों, पुजारियों, पुरोहितों के कल्याण के लिए बोर्ड का गठन तक नहीं कर पाई है। यह हर वर्ग के लिए निराशानजक है। - राम गोविंद चौधरी, पूर्व कैबिनेट मंत्री

 

यह बजट प्रदेश की जनता को मुंगेरी लाल के हसीन सपने दिखाने जैसा है। भाजपा सरकार पिछले वित्तीय वर्ष के बजट के सापेक्ष आधा भी खर्च नही कर पाई है। इसमें किसानों की ऋणमाफी, युवाओं के लिए रोजगार, कर्मचारियों की पुरानी पेंशन, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, प्रेरकों व वित्तविहीन शिक्षकों और प्रशिक्षु अधिवक्ताओं आदि के लिए कुछ भी नहीं दिया है। - आशुतोष सिन्हा, एमएलसी

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