बाढ़ की चपेट में आए उत्तर प्रदेश के 1100 से ज्यादा गांव ,जनजीवन अस्त-व्यस्त
बाढ़ की चपेट में आए उत्तर प्रदेश के 1100 से ज्यादा गांव ,जनजीवन अस्त-व्यस्त
वाराणसी में हालत बदतर हैं , घाटों के पानी में डूब जाने के कारण शवदाह में काफी मुश्किलें आ रही हैं।18 जिलों के 1,111 गांव बाढ़ की चपेट में है।

र्बरिश और बांधों से पानी  जाने के कारण उत्तर प्रदेश के 18 जिलों के 1,111 गांव बाढ़ की चपेट में हैं और हजारों हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। जहां घाटों पर पानी भरने के कारण दाह संस्कार को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बलिया में बाढ़ के पानी में डूबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई है ।रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में राज्य के 18 जिलों के 1,111 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और उनमें से 116 राज्य के बाकी हिस्सों से कटे हुए हैं। बाढ़ से कुल 2,45,585 लोग प्रभावित हुए हैं।

 

वाराणसी में खतरे के निशान पर बाढ़ के कारण

 रिपोर्टके मुताबिक, गंगा का जलस्तर श्मशान घाट के निचले चबूतरे बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं, इसलिए छतों पर शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है.तरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है।मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाटों को दाह संस्कार में बड़ी मुश्किका सामना करना पड़ रहा है।वाराणसी में कुल 115 गांवों के 28,499 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।

 

344 आश्रयों में 13,496 लोगों ने लिया आश्रय

रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में 344 शेल्टर हाउस बनाए गए हैं, जहां लगभग 13,496 लोगों को रखा गया है। प्रभावित इलाकों में खाने के पैकेट बांटे जा रहे हैं.रिपोर्ट के मुताबिक प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया जिलों में गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।  इसके अलावा यमुना नदी जालौन, बांदा तथा प्रयागराज में, शारदा नदी लखीमपुर खीरी में और घाघरा नदी बाराबंकी में लाल निशान से ऊपर बह रही है। 

 

हमीरपुर में 2300 हेक्टेयर से ज्यादा फसल डूबी

रेपोर्ट के मुताबिक, बांधों से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण नदी के किनारे बसे गांवों की स्थिति अब भी सामान्य नहीं हो पाई है।सहारनपुर से मिली रिपोर्ट के अनुसार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सूरज राय ने बताया कि शिवालिक पहाड़ियों में भारी बारिश के कारण सोमवार की देर शाम जिले में मां शाकंभरी देवी खोल का अचानक आगमन हो गय।  पानी का बहाव इतना तेज था कि एक बस और श्रद्धालुओं की कई गाड़ियां बहती चली गईं और कई तीर्थयात्री बाढ़ में फंस गए। राय ने बताया कि बाढ़ के पानी में फंसे कई श्रद्धालुओं को बाहर निकाला गया और सभी वाहनों को भी रस्से लगाकर किसी तरह किनारे पर लाया गया। 

 

 

 

 

 

 

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