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देश में इस वर्ष खरीफ सीजन में चावल के उत्पादन में 10-12 मिलियन टन की कमी हो सकती है। सरकार की ओर से शुक्रवार को कहा गया है कि चावल उत्पादन में कमी धान का बुवाई क्षेत्र घटने के कारण हुआ है।
हालांकि, खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने इस बात पर जोर दिया है कि देश में चावल का सरपल्स उत्पादन होगा। उन्होंने कहा है कि देश में कम बारिश होने से कई राज्यों में धान का बुवाई क्षेत्र घटा है। इस बार के खरीफ सीजन में देश में धान के बुवाई क्षेत्र में 38 लाख हेक्टेयर की कमी आई है।
देश में खरीफ सीजन में चावल के कुल उत्पादन का 80 प्रतिशत का उपज होता है। खाद्य सचिव ने कहा है कि इस वर्ष खरीफ सीजन में चावल के उत्पादन में 10 मिलियन टन तक की कमी आ सकती है। खराब से खराब स्थिति में यह कमी 12 मिलियन टन तक हो सकती है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह एक प्रारंभिक अनुमान है और यह रकवे में गिरावट व औसत उपज पर आधारित है।
सुधांश पांडेय ने कहा है कि जिन राज्यों में अच्छी बारिश हुई है वहां धान के उत्पादन की गिरावट में कमी दर्ज की जा सकती है। फसल वर्ष (Crop Year) 2021-22 (जुलाई-जून) में चावल का कुल उत्पादन 130.29 मिलियन टन हुआ था। यह पिछले पांच वर्षों के औसत उत्पादन 116.44 मिलियन टन से 13.85 मिलियन टन अधिक है।
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