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छात्रों को नशा मुक्ति की शपथ दिलाने, पाठ्यक्रम में नशे के दुष्प्रभावों पर आधारित विषय शामिल करने और बच्चों को जागरूक करने पर दिया जोर
नशामुक्त समाज बनाने की दिशा में जिला प्रशासन पौड़ी गढ़वाल ने अभियान को और अधिक तेज़ कर दिया है। इस कड़ी में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय एनकॉर्ड समिति की बैठक आयोजित हुई, जिसमें नशा उन्मूलन को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
बैठक में जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि राजस्व, पुलिस, स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभाग संयुक्त रूप से नशा मुक्ति केंद्रों का नियमित निरीक्षण करें। सभी मेडिकल स्टोर्स पर सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से लगाए जाएं और नशे में उपयोग होने वाली दवाइयों की बिक्री पर कड़ी निगरानी रखी जाए।
उन्होंने विद्यालयों में छात्रों को नशा मुक्ति की शपथ दिलाने, पाठ्यक्रम में नशे के दुष्प्रभावों पर आधारित विषय शामिल करने और बच्चों को जागरूक करने पर जोर दिया। साथ ही कहा कि कोटपा के तहत चालानी कार्रवाई, मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक और ड्रग्स हॉटस्पॉट इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जाए।
जिलाधिकारी ने उप-जिलाधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर सब-डिवीजन स्तर पर बैठक आयोजित कर ठोस कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रत्येक माह तहसील स्तर पर बैठक आयोजित करने और गैर-पारंपरिक नशीले पदार्थों की पहचान कर उन पर भी कार्रवाई करने को कहा। जागरूकता के लिए पोस्टर, बैनर, फोल्डर और प्रचार-प्रसार पर भी बल दिया गया।
बैठक में बताया गया कि हाल के महीनों में कई गतिविधियां संचालित की गई हैं। स्वास्थ्य विभाग ने 11 जून को जिला कारागार पौड़ी में 27 बंदियों की जांच और काउंसलिंग की, जिनमें 22 नशे की लत और 5 मानसिक रोग से प्रभावित पाए गए। जुलाई महीने में नशा मुक्ति केंद्रों का निरीक्षण और विद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। छात्रों को पोस्टर प्रतियोगिता, निबंध लेखन, वाद-विवाद और भाषण प्रतियोगिताओं के माध्यम से नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने जानकारी दी कि 11 मई से 25 अगस्त तक सड़क सुरक्षा अभियान के तहत 1,758 चालान करते हुए ₹1,87,600 का जुर्माना वसूला गया। इस दौरान शराब पीकर वाहन चलाने, बिना हेलमेट, सीट बेल्ट और ओवरस्पीडिंग पर सख्ती बरती गई। राष्ट्रीय राजमार्गों, पर्यटक स्थलों और होटल-ढाबों पर औचक चेकिंग अभियान चलाकर जागरूकता भी बढ़ाई गई।
एनडीपीएस एक्ट के तहत 12 मई से 21 अगस्त तक जिले में 33 अभियोग पंजीकृत कर 46 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान 6.315 किलोग्राम स्मैक, 192.798 ग्राम हेरोइन, 162.497 किलोग्राम गांजा सहित अन्य नशीले पदार्थ बरामद किए गए।
बैठक में अपर जिलाधिकारी अनिल गर्ब्याल, मुख्य चिकित्साधिकारी शिव मोहन शुक्ला, मुख्य शिक्षाधिकारी नागेंद्र बर्तवाल, क्षेत्राधिकारी तुषार बोरा, अपर जिला समाज कल्याण अधिकारी अनिल सेमवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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