Varanasi: 69.19 मीटर पहुंचा गंगा का जलस्तर, मणिकर्णिका घाट पर छत पर हो रहा अंतिम संस्कार
Varanasi: 69.19 मीटर पहुंचा गंगा का जलस्तर, मणिकर्णिका घाट पर छत पर हो रहा अंतिम संस्कार
गंगा का जलस्तर एक बार फिर से बढ़ गया है। गंगा के जलस्तर में दो दिनों से गिरावट दर्ज की जा रही थी। लेकिन बुधवार को गंगा का जलस्तर 69.19 मीटर पहुंच गया।

गंगा के जलस्तर में दो दिनों से गिरावट के बाद एक बार फिर से बढ़ाव शुरू हो गया है। बुधवार को गंगा का जलस्तर 69.19 मीटर पहुंच गया। सोमवार को सुबह आठ बजे से मंगलवार को रात आठ बजे तक, 36 घंटों में जलस्तर 63 सेंटीमीटर नीचे उतरा था। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 69.20 मीटर पर स्थिर रहा जो कि बाद में धीमी गति से घटते हुए दिन के 12 बजे 69.17 मीटर पर तक ही पहुंचा था।

इसके बाद भी घटाव का ट्रेंड बना रहा और जलस्तर दोपहर तीन बजे 69.12 मीटर और सायं छह बजे 69.08 मीटर पर पहुंचकर एक बार फिर स्थिर हो गया था। फाफामऊ और प्रयागराज में बढ़ाव के कारण जलस्तर बढ़ रहा है।

 

जलस्तर के बढ़ाव और घटाव के बीच तटवासियों की हालत खस्ता हो चुकी है। खासकर वरुणा के पानी से घिरे निचले इलाकों की आबादी जहां पीछे हटता पानी  गंदगी और गाद का ढेर छोड़ रहा है। इसके कारण वहां संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा बन गया है। इधर गंगा घाटों पर भी मिट्टी और गाद का अम्बार लगा हुआ है। बदबू और कचरे ने तटवर्ती इलाकों के लोगों की दुश्वारिया बढ़ा दिया है।

वहीं, पानी से घिरने के कारण लगातार नमी सोखने से तटवर्ती इलाकों के मकानों की दीवारों पर दरारें पड़ने लगी हैं। दूसरी ओर गंगा द्वारा बहाकर लाई गई जलकुंभी, कचरा और गाद काफी मात्रा में जमा हो रहे हैं। साथ ही मच्छर जनित रोगों का खतरा भी बढ़ रहा है। ग्रामीण इलाकों में गंगा किनारे कई किसानों के खेतों में कटान तेजी से हो रहा, तो किसी के धान की फसल गंगाजल से मग्न हो गई है।

 

लोगों का कहना है कि जब तक पानी पूरी तरह से घाटों और बस्तियों को छोड़ नहीं देता, तब तक साफ-सफाई भी कराना मुश्किल है। अस्सी घाट की गंगा आरती गलियों में हो रही है। मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट के शवदाह स्थल अब भी गली और छत ही बने हुए हैं। फिलहाल नौका और क्रूज के संचालन भी बंद है।

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