काशी तमिल संगमम: वाराणसी पहुंचे तमिलनाडु के प्रमुख मंदिरों के 9 महंत, कल PM Modi करेंगे सम्मानित
काशी तमिल संगमम: वाराणसी पहुंचे तमिलनाडु के प्रमुख मंदिरों के 9 महंत, कल PM Modi करेंगे सम्मानित
काशी-तमिल संगमम का शुभारंभ शनिवार को होगा। संगमम के उद्घाटन समारोह में तमिलनाडु के प्रमुख मठ-मंदिरों के आदिनम मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी को सम्मानित करेंगे।

धर्म नगरी वाराणसी में कल यानि शनिवार को काशी-तमिल संगमम का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। भारतीय सनातन संस्कृति के दो अहम प्राचीन पौराणिक केंद्रों के मिलन के दौरान पीएम मोदी की उपस्थिति में अनूठा आयोजन किया जाएगा। काशी तमिल संगमम के उद्घाटन समारोह में तमिलनाडु के प्रमुख मठ-मंदिरों के आदिनम (महंत) को काशी की धरा पर पहली बार सम्मानित किया जाएगा। शुक्रवार को 12 में से नौ आदिनम वाराणसी पहुंच चुके हैं।

बाबतपुर एयरपोर्ट पर भाजपा नेताओं ने उनका स्वागत किया। एयरपोर्ट से सभी आदिनम काशी विश्वनाथ धाम परिसर पहुंचे। यहां दर्शन-पूजन के बाद काशी विद्वत परिषद, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास तथा सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा अभिनंदन समारोह आयोजित किया जाएगा। इसके बाद आदिनम गंगा आरती देखेंगे। 

 

काशी में दिखेगा लघु तमिलनाडु का नजारा

काशी तमिल समागमम में आने वाले आदिनाम को काशी में बसे लघु तमिलनाडु का भ्रमण भी कराया जाएगा। हनुमान घाट और उसके आसपास स्थित शंकर मठ सहित अन्य मंदिरों को भी दिखाया जाएगा। इसके अलावा तमिलनाडु के परिवारों के बीच भी वहां से आने वाले लोगों को ले जाया जाएगा। इसके जरिए काशी में तमिल परंपरा के जीवंत उदाहरण को भी प्रस्तुत किया जाएगा।

 

पीएम मोदी करेंगे संवाद

महामना की बगिया में आयोजित भव्य समारोह में सम्मान समारोह के बाद पीएम मोदी  भगवान शिव के ज्योर्तिलिंग काशी विश्वनाथ और रामेश्वरम के एकाकार पर आदिनम से संवाद भी करेंगे। काशी और तमिलनाड़ु के बीच आध्यात्मिक संबंधों पर संवाद के साथ ही काशी व काशी विश्वनाथ से वहां के जुड़ाव पर परिचर्चा करेंगे। इसके जरिए दक्षिण और उत्तर के उत्तरेत्तर संबंधों के साथ ही दोनों स्थानों की समानता को भी दर्शाया जाएगा। भगवान राम के हाथों स्थापित रामेश्वरम ज्योर्तिलिंग के साथ ही स्वयंभू काशी विश्वनाथ की महिमा भी बखान किया जाएगा।

दरअसल, तमिलनाडु के तेनकासी शहर में स्थित काशी विश्वनाथर मंदिर है। तमिलनाडु के जानकारों के अनुसार भगवान शिव को समर्पित काशी विश्वनाथर मंदिर को उल्गाम्मन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इसे पांड्यन शासन ने बनवाया था और तमिलनाडु का दूसरा सबसे बड़ा गोपुरा भी है। द्रविड शैली में बने इस मंदिर का गोपुरा 150 फीट का है। ऐसे ही काशी और तमिलनाडु के मठ मंदिरों की पंरपराओं पर भी चर्चा होगी।

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