PPRC रिसर्च का दावा, 100 करोड़ लोगों तक पहुंचा मन की बात कार्यक्रम
PPRC रिसर्च का दावा, 100 करोड़ लोगों तक पहुंचा मन की बात कार्यक्रम
भाजपा समर्थित शोध केंद्र के अनुसार खादी वस्त्रों के उत्पादन में 113 फीसदी और और बिक्री में 179 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के सौवें संस्करण का प्रसारण 30 अप्रैल को किया गया। पीपीआरसी के एक रिसर्च में यह दावा किया गया है कि पीएम के इस कार्यक्रम के कारण देशी कामगारों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। विशेषकर खादी वस्त्र निर्माण और बिक्री में कई गुना की बढ़ोतरी हुई है। कई सामाजिक विषयों पर लोगों में सकारात्मक सोच का निर्माण हुआ है। दावा है कि मन की बात रेडियो कार्यक्रम अब तक 100 करोड़ लोगों तक पहुंच बना चुका है। पीपीआरसी की इस रिपोर्ट को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जारी किया था।

भाजपा समर्थित शोध केंद्र पब्लिक पॉलिसी रिसर्च सेंटर (Public Policy Research Center) के अनुसार जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में देशवासियों से खादी वस्त्रों के इस्तेमाल को लेकर अनुरोध किया था, उसके बाद से खादी वस्त्रों के उत्पादन में 113 फीसदी और और बिक्री में 179 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इससे खादी वस्त्र निर्माण में लगे श्रमिकों की आर्थिक स्थिति में 33 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है।

 

पीपीआरसी के निदेशक सुमीत भसीन ने अमर उजाला से कहा कि 'मन की बात' के माध्यम से पीएम की अपील के कारण विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर लोगों की सकारात्मक सोच में परिवर्तन हुआ। कोविड काल में, जब दवाओं के साथ-साथ लोगों की सकारात्मक मनःस्थिति बीमारी से लड़ने में महत्त्वपूर्ण थी, पीएम की अपील के कारण लोगों में जागरूकता का प्रसार हुआ।

उन्होंने कहा कि इसी तरह स्वच्छता कार्यक्रम, प्लास्टिक के सामानों के उपयोग, दिव्यांग लोगों के प्रति सकारात्मक सोच, बेटियों के जन्म को लेकर सोच, गरीब सब्जी विक्रेताओं को लेकर व्यवहार जैसे अनेक सामाजिक मुद्दों पर लोगों की सोच में सकारात्मक बदलाव हुआ है। इस बदलाव का श्रेय पीएम के मन की बात कार्यक्रम को दिया जा सकता है।

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