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रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि बैंकिंग प्रणाली के लिए अत्यधिक जमा या ऋण वृद्धि खराब है। उन्होंने कहा विश्व अर्थव्यवस्था में बड़ी गिरावट का जोखिम समाप्त हो गया है। दास ने कहा, "हमारा वित्तीय क्षेत्र स्थिर है और हमने महंगाई के सबसे बुरा दौर को पीछे छोड़ दिया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि हमारा विदेशी कर्ज मैनेजेबल (नियंत्रण में) है, इसलिए डॉलर के मजबूत होने से हमें कोई समस्या नहीं है।
RBI गवर्नर ने डॉलर में वृद्धि के कारण उच्च विदेशी ऋण जोखिम वाले देशों की मदद के लिए G20 देशों की ओर से समन्वित प्रयासों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जी-20 देशों को युद्ध स्तर पर सबसे अधिक प्रभावित देशों को जलवायु परिवर्तन वित्तपोषण प्रदान करना चाहिए। दास के अनुसार अमेरिका में जारी बैंकिंग संकट मजबूत नियामकों और सतत वृद्धि के महत्व को बढ़ाता है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मौजूदा अमेरिकी बैंकिंग संकट स्पष्ट रूप से वित्तीय प्रणाली के लिए निजी क्रिप्टोकरेंसी के जोखिम को दर्शाता है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 17वें के पी होर्मिस स्मारक व्याख्यान में कहा कि अमेरिकी बैंकों का संकट विवेकपूर्ण परिसंपत्ति देनदारी प्रबंधन की जरूरत को दर्शाता है। दास ने सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने का जिक्र करते हुए कहा कि बैंकों को बांड में निवेश करने से पहले उचित जोखिम आकलन करना चाहिए।
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