Satellite Network: जियो भी लॉन्च करेगा सैटेलाइट इंटरनेट
Satellite Network: जियो भी लॉन्च करेगा सैटेलाइट इंटरनेट
रिलायंस जियो ने पिछले महीने ही देश के प्रमुख शहरों में दिवाली तक 5G कनेक्टिविटी लॉन्च करने की घोषणा की थी। कंपनी ने कहा था कि 2023 के अंत तक पूरे भारत को 5G कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा।

डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) ने रिलायंस जियो की सैटेलाइट यूनिट को मंजूरी दे दी है। DoT ने कंपनी को लेटर ऑफ इंटेंट (LOI) भी जारी कर दिया है। अब जियो भारत में जल्द ही ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन सैटेलाइट (GMPCS) सेवाओं को जारी कर सकती है। उम्मीद की जा रही है कि जियो इंटरनेट सेवाओं के साथ वॉयस सेवाएं भी जारी कर सकती है। बता दें कि इससे पहले सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी ह्यूजेस (Hughes Communications)  ने भारत में ISRO की मदद से सैटेलाइट इंटरनेट सेवा देने की घोषणा की है।

 

दरअसल, रिलायंस जियो ने पिछले महीने ही देश के प्रमुख शहरों में दिवाली तक 5G कनेक्टिविटी लॉन्च करने की घोषणा की थी। कंपनी ने कहा था कि 2023 के अंत तक पूरे भारत को 5G कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा। अब जियो को DoT की अनुमति मिल जाने से जियो सैटेलाइट इंटरनेट पर तेजी से काम कर सकती है। रिलायंस जियो की सैटेलाइट यूनिट उन क्षेत्रों में सैटेलाइट सेवाओं को जारी कर सकता है, जिनके लिए उसके पास लाइसेंस है। इनमें डाटा के साथ वॉयस सेवाएं भी शामिल होंगी।

 

बता दें कि जियो के सैटेलाइट यूनिट को जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशन लिमिटेड (JSCL) के नाम से भी जाना जाता है। यह मोबाइल सैटेलाइट नेटवर्क लो-अर्थ ऑर्बिट, मीडियम-अर्थ ऑर्बिट के अलावा जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट के साथ सिंक कर काम करेगा। बता दें इसी साल फरवरी में ही जियो ने सैटेलाइट इंटरनेट के लिए दुनिया भर में उपग्रह-आधारित कनेक्टिविटी देने वाली कंपनी एसईएस के साथ साझेदारी भी की है, जिसमें जियो प्लेटफॉर्म्स और SES के पास ज्वाइंट वेंचर में क्रमशः 51% और 49% इक्विटी हिस्सेदारी होगी।    

 

ह्यूजेस ने की सैटेलाइट इंटरनेट की घोषणा

जियो से पहले सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी ह्यूजेस ने भारत में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की मदद से सैटेलाइट इंटरनेट सेवा देने की घोषणा कर दी है। ह्यूजेस कम्युनिकेशंस इंडिया ISRO के जीसैट-11 और जीसैट-29 संचार उपग्रहों की मदद से सैटेलाइट इंटरनेट की सेवा देने वाला है। कंपनी का कहना है कि इससे देशभर में उच्च गति वाली सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सुविधा प्राप्त होगी।

 

कैसे काम करता है सैटेलाइट इंटरनेट

सैटलाइट इंटरनेट वायर की जगह लेजर बीम का इस्तेमाल करके स्पेस से डाटा ट्रांसफर किया जाता है। लेजर का सिग्नल अच्छा हो इसके लिए एक सैटेलाइट अपने पास के चार और सैटेलाइट्स से संपर्क साधता है। फिर वो सैटेलाइट्स चार दूसरे सैटेलाइट्स से जुड़ते हैं। इस तरह आसमान में सैटेलाइट्स का एक नेटवर्क तैयार हो जाता है, जो जमीन पर हाई स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराता है। यानी कि सैटेलाइट इंटरनेट की स्पीड ब्रॉडबैंड से ज्यादा होती है और इससे उन क्षेत्रों में भी इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ा जा सकता है, जहां ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी नहीं है या इंटरनेट स्पीड की समस्या है। 

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