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भारत सरकार ने ग्राहकों को लाभ पहुंचाने और इलेक्ट्रॉनिक कचरे को कम करने के लिए गैजेट्स के चार्जिंग पोर्ट में बड़ा बदलाव किया है। सरकार ने मोबाइल निर्माताओं से सभी तरह के फोन और स्मार्टफोन के लिए एक ही यूएसबी टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट का इस्तेमाल करने को कहा है, जबकि वियरेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए अलग तरह के चार्जिंग पोर्ट का इस्तेमाल किया जाएगा। यानी सरकार केवल दो तरह के चार्जिंग पोर्ट को मान्यता देने वाली है। सरकार ने इसे लागू करने की तारीख भी तय कर दी है।
बीआईएस ने जारी किया स्टैंडर्ड
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की तरफ से यह घोषणा की गई है। BIS ने यूएसबी टाइप-सी पोर्ट को क्वालिटी स्टैंडर्ड पोर्ट के रूप में मान्यता दी है। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड की ओर स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप के लिए टाइप-सी पोर्ट को स्टैंडर्ड चार्जर के तौर पर मान्यता दी गई है।
कब लागू होगा नियम?
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) कानपुर की तरफ से वियरेबल के लिए भी एक कॉमन चार्जर के लिए स्टडी की जा रही है। इस रिपोर्ट के आधार पर कॉमन वियरेबल डिवाइस के लिए चार्जर स्टैंडर्ड को मान्यता दी जाएगी। सरकार दिसंबर 2024 तक इस आदेश को और लागू करेगी।
यूरोपियन यूनियन ने बनाया नियम
यूरोपियन यूनियन (EU) ने यूनिवर्सल चार्जर को लेकर एक नियम बनाया है। यूरोपियन यूनियन का कहना है कि 2024 के अंत तक यूरोपीय संघ में बेचे जाने वाले सभी मोबाइल फोन, टैबलेट और कैमरों को यूएसबी टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट के साथ बेचा जाएगा। यह फैसला ई-कचरे को कम करने और यूजर्स को अधिक टिकाऊ प्रोडक्ट देने में मदद करेगा। जबकि एपल का कहना था कि यूनिवर्सल चार्जर के आने के बाद इनोवेशन खत्म हो जाएगा प्रदूषण भी बढ़ेगा, हालांकि इसके पीछे एपल ने कारण नहीं बताया था।
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