केंद्रीय कानून मंत्री बोले- न्यायाधीशों की नियुक्ति एक प्रशासनिक मामला है, न्यायिक नहीं
केंद्रीय कानून मंत्री बोले- न्यायाधीशों की नियुक्ति एक प्रशासनिक मामला है, न्यायिक नहीं
कानून मंत्री ने कहा, सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी ने एक ई-कोर्ट प्रोजेक्ट शुरू किया है। यह अंतिम चरण में है। इस प्रस्ताव पर भी भारी धनराशि खर्च होगी। मुझे उम्मीद है कि हम इसे कैबिनेट में ला सकते हैं।

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति एक प्रशासनिक मामला है, न्यायिक मामला नहीं। उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) ने सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी का नेतृत्व जारी रखने पर सहमति जताई है। वह सुप्रीम कोर्ट की सभी समितियों के मुख्य संरक्षक हैं। रिजिजू ने कहा, आज लंबित मामलों की कुल संख्या 4.90 करोड़ है। न्याय में देरी का मतलब है न्याय से इनकार करना  है। लंबित मामलों को कम करने का एकमात्र तरीका सरकार और न्यायपालिका का एक साथ आना है। इसमें तकनीक की अहम भूमिका है।

 

उन्होंने आगे कहा, सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी ने एक ई-कोर्ट प्रोजेक्ट शुरू किया है। यह अंतिम चरण में है। इस प्रस्ताव पर भी भारी धनराशि खर्च होगी। मुझे उम्मीद है कि हम इसे कैबिनेट में ला सकते हैं। पीएम मोदी न्यायपालिका की मांगों में सहायता प्रदान करने में सक्रिय हैं। कानून मंत्री ने कहा, सरकार और न्यायपालिका के संयुक्त प्रयास से देश में लंबित मामलों की संख्या को कम करने में मदद मिलेगी। टेक्नोलॉजी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

Comments

https://anantsamachar.com/assets/images/user-avatar-s.jpg

0 comment

Write the first comment for this!