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प्रत्यक्ष कर संग्रह और आईटीआर रिफंड पर सीबीडीटी अध्यक्ष ने कहा है कि 14.20 लाख करोड़ रुपये की लक्ष्य राशि में से लगभग 4.80 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध संग्रह किया जा चुका है। इस साल सकल संग्रह पिछले साल की तुलना में लगभग 38% अधिक है। पिछले वर्ष के 52,000 करोड़ रुपये रिफंड की तुलना में इस वर्ष 93,000 करोड़ रुपये का रिफंड किया गया है।
सीबीडीटी के अध्यक्ष नितिन गुप्ता ने कहा है कि आयकर विभाग कर चोरी की जांच के लिए अर्थव्यवस्था के ‘नए क्षेत्रों’ में प्रवेश कर रहा है, इसकी जांच इकाइयां विदेशों में संपत्ति रखने वाले भारतीयों के बड़े पैमाने पर डेटा के माध्यम से विश्लेषण का उपयोग कर रही हैं।
बता दें कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड कर विभाग का प्रशासनिक निकाय है। यह प्रत्यक्ष कर श्रेणी के तहत सरकार के लिए राजस्व एकत्र करने के अपने नियमित कार्य के अलावे कर चोरी की घटनाओं की जांच के लिए खोज और जब्ती अभियान चलाता है।
सीबीडीटी की ओर से कहा गया है कि हम कर चोरी का पता लगाने के लिए अर्थव्यवस्था के अलग-अलग क्षेत्रों को कवर कर रहे हैं। हम खुद को केवल रियल एस्टेट या डवलपर्स तक ही सीमित नहीं रहे हैं दूसरे सेक्टर के टैक्स चोरी करने वाले लोगों पर भी हमारी नजर है। इनमें फार्मा, डेवलपर्स, मैन्युफैक्चरर और सेवा प्रदाता कंपनियां शामिल हैं।
सीबीडीटी के मुखिया ने कहा है कि "हम संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों, गेमिंग और सट्टेबाजी जैसे क्षेत्रों की जांच के लिए पहली बार कदम बढ़ा रहे हैं। जब उनसे कर चोरी के नए रुझानों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं कह सकता हूं कि हमारा प्रसार बहुत व्यापक है।’
सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि भारत को विदेशों में संपत्ति रखने वाले भारतीयों के बारे में कर लीक के वैश्विक खुलासे के अलावा विभिन्न देशों से सीआरएस (Common Reporting Standard) और एफएटीसीए (foreign account tax compliance act) के माध्यम से डेटा मिल रहे हैं। जिसके आधार पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है।
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