E-Rupee Launched: पहले ही दिन हुआ 1.71 करोड़ का लेन-देन, इन चार बैंकों में मिलेगी ई-रुपये की सुविधा
E-Rupee Launched: पहले ही दिन हुआ 1.71 करोड़ का लेन-देन, इन चार बैंकों में मिलेगी ई-रुपये की सुविधा
ई-रुपये का इस्तेमाल पी2पी (पर्सन टू पर्सन) और पी2एम (पर्सन टू मर्चेंट) दोनों तरीके से किया जा सकेगा। इसके इस्तेमाल से यूपीआई और दूसरे ऑनलाइन माध्यम से होने वाले भुगतानों में लगने वाले अनावश्यक चार्जेज से भी छुटकारा मिलेगा।

भारतीय  रिजर्व बैंक ने देश के चार प्रमुख शहरों दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में डिजिटल रुपये के पायलट परीक्षण की शुरुआत कर दी है।  प्रोजेक्ट के लिए चुने गए बैंकों की ओर से 1.71 करोड़ रुपये डिजिटल रुपये की मांंग की गई। जिसमें चार बैंकों भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के साथ ग्राहक और व्यापारी इसका लेनदेन कर सकेंगे। बैंकों की मांग के अनुरुप केंद्रीय बैंक ने डिजिटल रुपया जारी कर दिया।  

आरबीआई की ओर से जारी किया गया ई-रुपया डिजिटल टोकन पर आधारित है। इसे केंद्रीय बैंक ही जारी कर सकता है और इसका मूल्य बैंक नोटों के समान ही है। इसे पेपर नोटों की तरह 2000, 500, 200,100, 50 और अन्य वैध डोनोमिनेशन में जारी किया गया है।

 

यह डिजिटल रुपया एक खास ई वॉलेट में सुरक्षित रहेगा, जिन्हें प्रोजेक्ट के लिए चुने गए बैंकों की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा। यह वॉलेट बैंक की ओर से जारी किया जाएगा पर इसकी निगरानी का जिम्मा पूरी तरह से देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई के पास होगा। 

ई-रुपये का इस्तेमाल पी2पी (पर्सन टू पर्सन) और पी2एम (पर्सन टू मर्चेंट) दोनों तरीके से किया जा सकेगा। इसके इस्तेमाल से यूपीआई और दूसरे ऑनलाइन माध्यम से होने वाले भुगतानों में लगने वाले अनावश्यक चार्जेज से भी छुटकारा मिलेगा।  

 

डिजिटल रुपये पर क्या है आर्थिक जानकारों की राय?

डिजिटल रुपये के बारे में पे-मी के सीईओ और संस्थापक महेश शुक्ला का मानना है कि डिजिटल रुपया, पारंपरिक मुद्रा का एक डिजिटल संस्करण है जिसका लोग रोजाना उपयोग करते हैं। इस तरीके से आप पैसे को डिजिटल फॉर्मेट में सुरक्षित रख सकते हैं। यह ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है, जिसमें रुपये को एक क्रिप्टोकरेंसी की तरह माना जाता है, जो मुद्रा रखरखाव की लागत को कम करता है। इससे आपको सुरक्षा तो मिलेगी ही साथ ही सरकार को भविष्य में कम नोट बनाने की जरुरत पड़ेगी क्योंकि डिजिटल रुपये को नकद मुद्रा का ही रूप माना जाएगा। वहीं, फिनवे एफएससी के सीईओ रचित चावला के अनुसार, ई-रुपया, डिजिटल टोकन का एक नया रूप है। 

यह क्रिप्टोकरेंसी से अलग है क्योंकि इसे पारंपरिक मुद्रा वाले मूल्यवर्ग में ही जारी किया जाता है और क्रिप्टोकरेंसी का अपना मूल्यवर्ग है। उदाहरण के लिए, बिटकॉइन इकाई में 0.001 मूल्यवर्ग हो सकता है जबकि डिजिटल मुद्रा 1, 5, 10, 20, 50 और भौतिक मुद्रा के लिए उपलब्ध अन्य मूल्यवर्ग में उपलब्ध होगी। डिजिटल रुपये का उपयोग करके आप किसी भी व्यक्ति को पैसे भेज सकते हैं या किसी भी बिल का भुगतान कर सकते हैं।

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