IMF: जब पूरी दुनिया पर मंडी का खतरा मंडरा रहा, भारत का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से बेहतर
IMF: जब पूरी दुनिया पर मंडी का खतरा मंडरा रहा, भारत का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से बेहतर
श्रीनिवासन ने समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) के साथ बातचीत में कहा है कि "हम उम्मीद करते हैं कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक तिहाई हिस्से वाले देश इस साल या अगले साल मंदी की चपेट में आ सकते हैं। मुद्रास्फीति बहुत अधिक है ओर यह व्यापक रूप से बढ़ती जा रही है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि जब पूरी दुनिया आर्थिक विकास के मामले में पिछड़ रही है, भारत भी इससे अप्रभावित नहीं रहा है, लेकिन दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में वह बेहतर कर रहा है।

आईएमएफ के एशिया और प्रशांत विभाग के निदेशक कृष्णा श्रीनिवासन ने कहा कि अभी वैश्विक स्थिति को देखें तो पता चलता है कि दुनिया के कई देशों में विकास धीमी पड़ गई है इसके साथ ही महंगाई बढ़ गई है।

 

श्रीनिवासन ने समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) के साथ बातचीत में कहा है कि "हम उम्मीद करते हैं कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक तिहाई हिस्से वाले देश इस साल या अगले साल मंदी की चपेट में आ सकते हैं। मुद्रास्फीति बहुत अधिक है ओर यह व्यापक रूप से बढ़ती जा रही है।

श्रीनिवासन ने कहा है कि जब लगभग हर देश की विकास गति धीमी पड़ रही है भारत तुलनात्मक रूप से भारत बेहतर कर रहा है और इस क्षेत्र के अन्य देशों की तुलना में अपेक्षाकृत उज्ज्वल स्थान पर है। 

 

बता दें कि आईएमएफ ने मंगलवार को जारी अपने विश्व आर्थिक आउटलुक में भारत के लिए चालू वित्त वर्ष में विकास दर के पूर्वानुमान को 8.7 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है।

वर्ष 2023 के लिए वैश्विक विकास दर का अनुमान 6.1 प्रतिशत किया गया है। 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक तिहाई से अधिक हिससे में मंदी दिख सकती है। इससे दुनिया की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं- संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ और चीन भी प्रभावित रहेगा।

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