आजमगढ़ से लापता हुआ था युवक, 26 साल बाद सोशल मीडिया के जरिए घर लौटा
आजमगढ़ से लापता हुआ था युवक, 26 साल बाद सोशल मीडिया के जरिए घर लौटा
आजमगढ़ के गोठांव गांव निवासी जिलाजीत मौर्य एक जून 1996 को लापता हो गए थे। वो बोलने और सुनने में असमर्थ थे। 26 साल बाद उनके परिजनों ने सोशल मीडिया के जरिए उन्हें ढूंढ निकाला।

सोशल मीडिया के अच्छे प्रभाव की बात कई बार होती रहती है। अब इसका एक और उदाहरण सामने आ गया है। यूपी के आजमगढ़ जिले में सोशल मीडिया ने 26 साल से लापता ऐसे युवक को उसके परिजनों से मिलाया है जिसे लोग मृत मान चुके थे। परिवार में खुशी का माहौल है।

बरदह थाना क्षेत्र के गोठांव गांव निवासी जिलाजीत मौर्य पुत्र सोभन मौर्य 35 वर्ष की आयु में एक जून 1996  को गांव से ही लापता हो गए थे। जिलाजीत बचपन से ही बोल नहीं पाते थे और उनकी शादी भी नहीं हुई थी। परिजनों ने उस समय काफी खोजबीन की लेकिन पता नहीं चल सका।

 

करीब तीन माह पहले सोशल मीडिया से पता चला कि वह अमेठी जिले में कहीं हैं। उसके बाद परिजनों ने अमेठी में तलाश की। पूछताछ में पता चला कि वह वहां से कहीं और चले गए हैं। परिजन उन्हें मृत मान चुके थे लेकिन जब उनके जिंदा होने की बात पता चली तो सभी ने राहत की सांस ली। उन्होंने जिलाजीत की तलाश जारी रखी।

इस दौरान सोशल मीडिया से पता चला कि वह रायबरेली जनपद के हटवा गांव के प्रधान शिवेंद्र सिंह के यहां रह रहे हैं। इदर, ग्राम प्रधान शिवेंद्र भी जिलाजीत के घर का पता करने के लिए प्रयास कर रहे थे। 13 दिसंबर को परिजन उक्त ग्राम प्रधान के घर पहुंचे। जहां जिलाजीत को सामने देखकर परिजनों की आंखों में खुशी के आंसू आ गए।

अपने परिजनों को पाकर जिलाजित मौर्य भी काफी खुश हुए। परिजनों ने बताया कि वहां जाने पर हटवा गांव के प्रधान शिवेंद्र सिंह भी काफी खुश हुए। शिवेंद्र ने घर के एक सदस्य के रूप में जिलाजीत को अपने घर पर रखा था। उसके बाद वह लोग जिलाजित के साथ घर पहुंचे। उनके घर पहुंचने पर परिवार में खुशी का माहौल है। उन्हें देखने के लिए गांव के लोगों का आना-जाना लगा हुआ है।

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