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भारत की दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस ने गुरुवार को साफ किया है कि वह दोहरे रोजगार का समर्थन नहीं करती है। साथ ही भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी इंफोसिस ने यह भी कहा है कि नौकरी के साथ अन्य कार्य करने वाले कर्मचारियों को पिछले 12 महीनों में कंपनी से निकाल दिया गया है। हालांकि कंपनी ने ऐसे कर्मचारियों की संख्या का खुलासा नहीं किया है जिन्हें उसने 'मूनलाइटिंग' के लिए निकाल दिया है।
हम दोहरे रोजगार का समर्थन नहीं करते
गुरुवार को जब इफोंसिस ने अपनी सितंबर तिमाही की इनकम का उल्लेख किया है। उसी के बाद गुरुवार को इंफोसिस के सीईओ सलिल पारेख ने ये एलान किया। सलिल पारेख ने कहा कि हम दोहरे रोजगार का समर्थन नहीं करते हैं। पिछले एक साल में जिन लोगों को 'मूनलाइटिंग' करते हुए पाया गया है, उन्हें हमने कंपनी से निकाल दिया है।
इंफोसिस उन कंपनियों में शामिल है, जिन्होंने 'मूनलाइटिंग' को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। इससे पहले हाल ही में आईटी कंपनी इन्फोसिस ने कंपनी में नौकरी के साथ अन्य कार्य करने वाले कर्मचारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतवानी दी थी। कंपनी ने अपने कर्मचारियों को एक चेतावनी संदेश भेजा था। जिसमें उसने साफ कहा था कि दो जगहों पर काम करने या ‘मूनलाइटिंग’ की अनुमति नहीं है। अनुबंध के किसी भी उल्लंघन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगा तथा नौकरी से निकाला भी सकता है।
विप्रो ने किया था खुलासा
इससे पहले बीते महीने विप्रो के चेयरमैन ऋषद प्रेमजी ने भी इसी तरह की कार्रवाई की थी। उन्होंने संख्या का खुलासा करते हुए बताया था कि उनकी कंपनी ने करीबन 300 ऐसे कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। उन्होंने कहा था कि ऐसे कर्मचारी जो विप्रो में काम करते हुए भी आईटी सेक्टर की अन्य कंपनियों के लिए काम करते हों, उनके लिए विप्रो में कोई जगह नहीं है।
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