त्योहारी मौसम में खाद्य तेलों पर सरकार का बड़ा फैसला, उपभोक्ताओं को छह महीने की राहत
त्योहारी मौसम में खाद्य तेलों पर सरकार का बड़ा फैसला, उपभोक्ताओं को छह महीने की राहत
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इन डायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स (सीबीआईसी) ने खाने वाले तेल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए उसके आयात पर कस्टम ड्यूटी में छूट जारी रखने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले से त्योहारी सीजन में लोगों फायदा पहुंचेगा।

लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच केंद्र सरकार ने लोगों को राहत देने के मकसद से एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले से त्योहारी सीजन में लोगों फायदा पहुंचेगा। दरअसल सेंट्रल बोर्ड ऑफ इन डायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स (सीबीआईसी) ने खाने वाले तेल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए उसके आयात पर कस्टम ड्यूटी में छूट जारी रखने का फैसला किया है। बता दें कि त्योहारी सीजन में देश में खाद्य तेलों की खपत बढ़ जाती है। ऐसे में अगर इस दौरान तेल की कीमतों में इजाफा होता है तो यह उपभोक्ताओं के लिए एक झटके की तरह होगा। हालांकि अब सरकार ताजा फैसले के बाद उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है। सरकार की ओर से रविवार को कहा गया है कि खाद्य तेलों के आयात पर कस्टम ड्यूटी में छूट अगले छह महीने यानी वर्ष 2023 के मार्च तक जारी करेगी। 

 

पॉम ऑयल का बड़ा आयतक देश है भारत

हमारे देश में खाना पकाने के तेल का दो-तिहाई हिस्सा आयात किया जाता है। बीते कुछ महीनों में रूस यूक्रेन संकट और इंडोनेशिया की ओर से पॉम ऑयल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद देश में खाद्य तेलों की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली थी। हालांकि, कुछ महीने पहले इंडेनेशिया ने पाम ऑयल के निर्यात पर से बैन हटा दिया है। भारत इंडोनेशिया से सालाना करीब 80 लाख टम पाम ऑयल खरीदता है। देश में पाम ऑयल, सोयाबीन ऑयल और सूरजमुखी के तेल की कच्ची किस्मों पर फिलहाल शून्य आयात शुल्क लगता है। हालांकि, इन पर पांच फीसदी कृषि से और दस फीसदी सोशल वेलफेयर सेस चार्ज किया जाता है। सरकार ने खाद्य तेलों की कीमतों पर काबू रखने के लिए कई बार पाम तेलों के आयात पर शुल्क में कटौती करने का फैसला किया है।

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