स्टार्टअप कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदेगी सरकार, नए उद्यमियों को आसानी से मिलेगा पैसा
स्टार्टअप कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदेगी सरकार, नए उद्यमियों को आसानी से मिलेगा पैसा
नई स्टार्टअप नीति में सरकार ने आगामी पांच साल में एक हजार स्टार्टअप बनाने का लक्ष्य रखा है। अब सरकार भी 200 करोड़ का वेंचर फंड बना कर स्टार्टअप कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदेगी।

प्रदेश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए अब सरकार स्टार्टअप कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदेगी। इससे नए उद्यमियों को कारोबार खड़ा करने के लिए आसानी से पैसा मिलेगा। उन्हें फंड पाने के लिए एंजल निवेशकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सरकार ने नई स्टार्टअप नीति में 200 करोड़ का वेंचर फंड बनाने की व्यवस्था की है।

शुक्रवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेसवार्ता में सचिव उद्योग डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने उद्योग विभाग की चार नई नीतियों के बारे में जानकारी दी है। नई स्टार्टअप नीति में सरकार ने आगामी पांच साल में एक हजार स्टार्टअप बनाने का लक्ष्य रखा है। नए उद्यमियों को अपना कारोबार खड़ा करने के लिए शुरूआत में पैसों की जरूरत होती है।

अभी तक एंजल निवेशक कारोबार को देख इन कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदते हैं। अब सरकार भी 200 करोड़ का वेंचर फंड बना कर स्टार्टअप कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदेगी। स्टार्टअप कंपनी का कारोबार स्थापित होने के बाद सरकार अपनी हिस्सेदारी वापस ले सकती है। इसके लिए कंपनी को पैसा वापस लौटना होगा।

 

हर बड़े संस्थानों में खुलेंगे इन्क्यूबेशन सेंटर

नई नीति में सरकार की ओर से इन्क्यूबेशन सेंटरों को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रदेश के सभी बड़े संस्थानों में इन्क्यूबेशन सेंटर बनाए जाएंगे। इसके लिए सरकार की ओर से नए केंद्रों के लिए एक करोड़ और विस्तारीकरण के लिए 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इन केंद्रों में स्टार्टअप कंपनियों के प्रतिनिधियों को काम करने के लिए जरूरी उपकरण या संसाधन और स्थान किराये पर मिलेगा।

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