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मुंबई की श्रद्धा वाकर की हत्या के मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। श्रद्धा को लेकर मुंबई के डॉक्टर ने कुछ नई बातों पर रोशनी डाली है। 2020 में श्रद्धा के कंधे और पीठ में तेज दर्द का इलाज करने वाले डॉक्टर ने शुक्रवार को कहा कि जब उसे अस्पताल लाया गया तो आफताब पूनावाला भी उसके साथ था। नालासोपारा के ओजोन मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में श्रद्धा का इलाज करने वाले डॉ. शिव प्रसाद शिंदे ने एएनआई को बताया कि 2020 में श्रद्धा को तेज पीठ और कंधे के दर्द के लिए नालासोपारा क्षेत्र के ओजोन मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। श्रद्धा को 3 दिसंबर, 2020 को अस्पताल लाया गया था और चार दिनों के लिए भर्ती कराया गया था। उसने रेडिकुलोपैथी के साथ गंभीर पीठ और कंधे के दर्द की शिकायत की थी। उसने हालांकि दर्द के कारणों का खुलासा नहीं किया।
दोस्त का दावा, अक्सर श्रद्धा को पीटता था आफताब
डॉ. शिंदे ने कहा कि श्रद्धा आफताब के साथ इलाज के लिए आई थी। हमें उसके शरीर पर कोई बाहरी चोट के निशान नहीं मिले और भर्ती के समय आफताब उसके साथ था। इससे पहले श्रद्धा की नाक पर और दाहिनी आंख के पास मामूली चोट के साथ एक तस्वीर भी उसके दोस्तों ने मुंबई में स्थानीय मीडिया के साथ साझा की थी। श्रद्धा के दोस्त राहुल राय ने एएनआई से बात करते हुए दावा किया कि आफताब के हमले के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। श्रद्धा आफताब और उसकी लत के बारे में शिकायत करती थी। वह अक्सर उसके साथ लड़ता था और उसे पीटता भी था।
आफताब पर अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाकर का गला घोंटने और उसके शरीर के 35 टुकड़े करने का आरोप है। सूत्रों ने कहा कि जब उसने अपराध किया तो आरोपी कथित तौर पर मारिजुआना के नशे में था। दिल्ली पुलिस ने श्रद्धा के पिता विकास वाकर द्वारा दर्ज कराई गई गुमशुदगी की शिकायत की जांच शुरू करने के बाद शनिवार को उसे गिरफ्तार कर लिया था। सूत्रों के मुताबिक, पूर्वी दिल्ली पुलिस को इस साल जून में राष्ट्रीय राजधानी के पांडव नगर थाना क्षेत्र के त्रिलोकपुरी इलाके में एक कटा हुआ सिर और हाथ मिला था, जो श्रद्धा की हत्या (18 मई) के लगभग एक महीने बाद की घटना है।
18 मई को झगड़े के बाद आफताब ने श्रद्धा की हत्या की
पुलिस जांच में पता चला है कि 18 मई को दोनों के बीच झगड़ा हुआ था, जिसके दौरान आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर दी। दिल्ली पुलिस सूत्रों ने बताया कि 18 मई का झगड़ा पहली बार नहीं हुआ था, आफताब और श्रद्धा तीन साल से लड़ रहे थे। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने कहा कि आरोपी आफताब पूनावाला ने अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा की पहचान छिपाने के लिए उसका चेहरा जला दिया था। उसने पहले उसके शरीर के 35 टुकड़े किए और फिर उसके चेहरे को जला दिया ताकि शरीर के अंग मिलने पर भी उसकी पहचान न हो सके।
पूछताछ के दौरान आफताब ने खुलासा किया कि उसने इंटरनेट पर इसके बारे में सीखा था और यह भी बताया कि शव को हर किसी की पहुंच से कैसे छिपाया जाए। शुक्रवार को मामले की जांच के लिए तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक टीम मुंबई पहुंची और बयान दर्ज करने के लिए आफताब और श्रद्धा के दोस्तों और परिवार के सदस्यों को सूचीबद्ध करना शुरू कर दिया। दिल्ली पुलिस की एक अन्य टीम मृतक के शरीर के बाकी हिस्सों को खोजने के लिए गुरुग्राम के डीएलएफ फेज-3 इलाके में तलाशी ले रही है।
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