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पिछले कुछ वर्षों में भारतीय एथलीट्स ने पूरी दुनिया में अपनी चमक बिखेरी है। चाहे वह ओलंपिक हो या राष्ट्रमंडल खेल, भारत के पदकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। केंद्र सरकार द्वारा खेल और खिलाड़ियों पर किए जा रहे खर्च का इसमें अहम योगदान रहा है। ऐसे में इस साल भी खेल बजट में बढ़तरी हो सकती है। पिछले साल भी स्पोर्ट्स बजट में 423.16 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई थी।
खेल बजट की बात करें तो कोरोना के दौरान इसमें भारी कटौती देखने को मिली थी। साल 2020-21 में खेल बजट 2826.92 करोड़ रुपये का था। 2021-22 में इसमें 606.73 करोड़ रुपये की कटौती की गई थी यानी 2021-22 में खेल बजट 2250.19 करोड़ रुपये का था। पिछले साल कुल खेल बजट 3062.60 का था, जिसे रिवाइज कर 2673.35 करोड़ रुपये का कर दिया गया था। अब यह 3397.32 करोड़ रुपये का हो गया है। यानी 723.97 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
भारत ने 2021 में टोक्यो ओलंपिक में कुल सात पदक जीते थे। कोरोना की वजह से तमाम कठिनाइयों और पाबंदियों के बावजूद भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया था। इसके बाद 2022 में बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय एथलीट्स का प्रदर्शन शानदार रहा था। भारत ने कुल 61 पदक जीते थे। देश में अब चरणबद्ध तरीके से खेल गतिविधियां बहाल हो गई हैं और हांगझू एशियाई खेलों के रूप में वैश्विक प्रतियोगिताओं को देखते हुए 2023 काफी महत्वपूर्ण सत्र है। ऐसे में सरकार की तरफ से खेल बजट में की गई बढ़ोतरी से खेल सुविधाओं में सुधार करने में मदद मिल सकती है। इस साल भारत को एशियन गेम्स के अलावा कई विश्व चैंपियनशिप में भी हिस्सा लेना है।
खेलो इंडिया के बजट में हुई बढ़ोतरी
ओलंपिक समेत तमाम मल्टीस्पोर्ट्स की तैयारियों के लिए विदेश में प्रतिस्पर्धा और अभ्यास का खर्च खेल मंत्रालय ही वहन करता है। खेलो इंडिया के लिए वर्ष 2020-21 के बजट में 890.42 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसके बाद 2021-22 के खेल बजट में खेलो इंडिया के लिए 232.71 करोड़ रुपये की कटौती की गई थी। वर्ष 2021-22 में इस मद को घटाकर 657.71 करोड़ रुपये कर दिया गया था। वहीं, 2022-23 में खेलो इंडिया कार्यक्रम में 316 करोड़ 29 लाख रुपये का इजाफा किया गया और इसे बढ़ाकर 974 करोड़ रुपये कर दिया गया था। 2023-24 के लिए इस बजट को 1000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
राष्ट्रीय खेल महासंघों के लिए बजट में क्या?
राष्ट्रीय खेल महासंघों के लिए 2020-21 के बजट में 245 करोड़ रुपये की राशि थी, जिसे 2021-22 में संशोधित किया गया और राशि में 32 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई थी। 2021-22 वित्तीय वर्ष के लिए बजट को बढ़ाकर 280 करोड़ रुपये कर दिया गया था। 2022-23 के खेल बजट में भी इसे इतना ही रखा गया था। अब इसमें 45 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है और यह 325 करोड़ रुपये का हो गया है।
भारतीय खेल प्राधिकरण के लिए ये था बजट
भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) को मिलने वाले बजट में 36.09 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है। पिछले साल यह बजट 749.43 करोड़ रुपये का हो गया था, जो कि 2023-24 के लिए 785.52 करोड़ रुपये है। 2021-22 में 660.41 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जबकि 2020-21 के बजट अनुमान में आवंटन 500 करोड़ रुपये था।
NADA और NDTL के लिए भी प्रावधान
विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) से संबद्ध राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) और राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (NDTL), जिसे पहले SAI से धन प्राप्त हुआ था, अब इसे सीधे प्राप्त करेगी। इस साल के बजट में नाडा को 21.73 करोड़ रुपये की धनराशि मुहैया कराने का प्रावधान किया गया है, जबकि परीक्षण कराने वाले एनडीटीएल को 19.50 करोड़ रुपये मिलेंगे।
दुनिया भर के देश खेल उत्कृष्टता के लिए प्रयास कर रहे हैं और एथलीटों के खेल विज्ञान और वैज्ञानिक प्रशिक्षण पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। इस साल के बजट में राष्ट्रीय खेल विज्ञान और अनुसंधान केंद्र के लिए भी 13 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
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